झुंझुनू

गहलोत बोले-RSS मुखिया ने संविधान मानने से इनकार किया था:पीएम ने पीकेसी-ईआरसीपी नया नाम रख दिया, इसका समझौता गुप्त क्यों रख रहे हैं?

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने ईआरसीपी और अंबेडकर मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार व बीजेपी पर सियासी पलटवार किया है। गहलोत ने कहा- इन लोगों (RSS-BJP) का विश्वास न संविधान पर था, न अंबेडकर पर था। ये तो सबके पास प्रूफ है। आरएसएस के मुखिया ने तो संविधान मानने से ही इनकार कर दिया था। इनकी आजादी के आंदोलन में कोई भागीदारी नहीं थी। ये गुमराह करते हैं।

उन्होंने कहा- अंबेडकर को कांग्रेस ने सम्मान दिया। उन्हें संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया। इन्होंने बनाया क्या? लॉ मिनिस्टर इन्होंने बनाया क्या? अशोक गहलोत जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात कर रहे थे।

गहलोत ने कहा- ईआरसीपी के मामले पर अब बीजेपी में ही सवाल उठ रहे हैं। पीएम आ गए, पीकेसी-ईआरसीपी नया नाम रख दिया। इसका समझौता गुप्त क्यों रख रहे हैं? क्या वास्तव में हमारे हितों की रक्षा हो रही है या नहीं। पानी की दिक्कत आजादी के बाद से ही रही है। प्रदेशवासियों की चिंता लगी है, समझौता गुप्त क्यों है? केवल पत्थर रखकर शिलान्यास करने से कुछ नहीं होता। मध्यप्रदेश के साथ क्या समझौता है, उसे बताना चाहिए।

राहुल गांधी सत्य-अहिंसा की राजनीति करना चाहते हैं गहलोत ने कहा- राहुल गांधी सत्य-अहिंसा पर चलकर राजनीति करना चाहते हैं। उनके परिवार में इंदिरा गांधी शहीद हो गईं। उनके पिता राजीव गांधी शहीद हो गए, जिसने पिता के हत्यारे को माफ करने की पैरवी की। वो व्यक्ति धक्का दे सकता है क्या? संसद परिसर में तो सीसीटीवी कैमरे हैं। वीडियोग्राफी होगी। उस वीडियोग्राफी को छुपाकर क्यों रखा गया है? राहुल गांधी के बारे में देश और दुनिया जानती है।

भांकरोटा हादसे से सबक लेकर फैसले करे सरकार भांकरोटा हादसे पर गहलोत ने कहा- जयपुर की बहुत दुखद घटना है। पूरा प्रदेश हिल गया है। इस घटना में बेकसूर लोग मारे गए और घायल हुए। इस तरह जो जलते हैं, उनका केस बहुत संवेदनशीन रहता है। बहुत ही हृदय विदारक हादसा है। सरकार को इस घटना से सबक लेकर कुछ फैसले करने चाहिए ताकि आगे इस तरह के हादसों को रोका जा सके। इस तरह के हादसे होते हैं, तभी हम नए फैसले करते हैं।

गांधी पर कमेंट कोई सिरफिरा ही कर सकता है सिंगर अभिजीत के महात्मा गांधी को पाकिस्तान का राष्ट्रपति बताने वाले बयान पर कहा- इस तरह के बयान बेवकूफी की बात है। कुछ सिरफिरे लोग हैं। गांधी के बारे में कमेंट कोई सिरफिरा ही कर सकता है। 2 अक्टूबर को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाता है। जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति और अहिंसा का रास्ता दिखाया। उसके बारे में इस तरह कमेंट तो सिरफिरा ही कर सकता है।

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