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जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर को सरकार ने सस्पेंड कर दिया गया। उन्होंने सरकार के नोटिस का समय पर (21 सितंबर तक) जवाब पेश नहीं किया था। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इस पर कानूनी विशेषज्ञों से राय ली थी। इसके बाद सस्पेंशन का आदेश जारी कर दिया गया है। सरकार जल्द ही कार्यवाहक मेयर के आदेश भी जारी कर सकती है।

बता दें कि सरकार ने सबसे पहले 11 सितंबर को मेयर को नोटिस जारी किया था, तब ये नोटिस जांच अधिकारी की तरफ से जारी किया गया था। इसका तीन दिन बाद मेयर ने अपने एडवोकेट के जरिए जवाब भिजवाया था। इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग ने 18 सितंबर को दूसरा नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था, लेकिन 21 सितंबर को रात 11 बजे तक कोई जवाब नहीं दिया गया।

तीसरी बार हुआ सस्पेंशन 13 महीने में ये तीसरा मौका है, जब मुनेश गुर्जर को सस्पेंड किया गया है। इससे पहले गहलोत सरकार ने मुनेश गुर्जर को 5 अगस्त 2023 और फिर 26 सितंबर 2023 को सस्पेंड किया था। हालांकि दोनों बार मेयर ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां से उनको राहत मिली और वे वापस मेयर की कुर्सी पर बैठीं।

मुनेश गुर्जर की याचिका पर कोर्ट में 2 सप्ताह बाद सुनवाई होगी वहीं, रिश्वत लेने के मामले में हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर पर एसीबी में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर 2 सप्ताह बाद सुनवाई होगी। मुनेश की तरफ से 21 सितंबर को कोर्ट में बहस के लिए समय मांगा गया था।

मुनेश के वकील दीपक चौहान ने हाईकोर्ट में कहा था- मामले में एसीबी ने चालान पेश कर दिया है। हमने इससे संबंधित दस्तावेज हाईकोर्ट में पेश किए हैं। ऐसे में हमें बहस के लिए समय दिया जाए। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। बता दें कि एसीबी ने 19 सितंबर को मुनेश गुर्जर के खिलाफ चालान पेश किया था।

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