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जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने प्रेस वार्ता कर राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट -2024 के जिला स्तरीय कार्यक्रम की दी जानकारी, एडीपीआर कुमार अजय, उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया, रीको आरएम एसके गुप्ता सहित अधिकारी एवं मीडियाकर्मी रहे मौजूद, जिले में राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट में हुए 2288.75 करोड़ के 90 एमओयू, जिला मुख्यालय पर 23 अक्टूबर को आयोजित होगी जिला स्तरीय राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट, हस्तशिल्प उत्पादों की लगेगी प्रदर्शनी

चूरू। जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने सोमवार को डीओआईटी वीसी सभागार में प्रवेश प्रतिनिधियों के साथ वार्ता कर राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट – 2024 के जिला स्तरीय कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी साझा की। इस दौरान एडीपीआर कुमार अजय, उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया, रीको आरएम एसके गुप्ता, उद्योग सहायक आयुक्त उजाला, एपीआरओ मनीष कुमार, जिला उद्योग एवं वाणिज्य अधिकारी दशरथ कुमार सेन सहित अधिकारी एवं मीडियाकर्मी मौजूद रहे।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर सुराणा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान यूनिवर्सिटी में अभी तक जिले में 2288.75 करोड़ रुपए के 90 एमओयू किए गए हैं। जिला मुख्यालय पर होटल शक्ति पैलेस में 23 अक्टूबर को राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट-2024 कार्यक्रम का जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी एमओयू किए जा रहे हैं। जिले में किए गए एमओयू में सभी सेक्टर को टच करने का प्रयास किया गया है। जिले में निवेश को बढ़ाने के लिए एनआरआई व नॉन राजस्थान रेजीडेंट लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रयास किए गए हैं।
इसी के साथ जिले की औद्योगिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए बैंकर्स, प्रोफेशनल फॉम्र्स, कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के माध्यम से अधिकतम टैक्स भुगतान करने वाले लोगों व निवेशकों को प्रेरित कर निवेश को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इन क्षेत्रों में होगा निवेश
जिला कलक्टर सुराणा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर मीट-2024 के तहत किए जाने वाले सभी एमओयू को शत प्रतिशत जिले के धरातल पर उतारकर औद्योगिक प्रगति को और अधिक बढ़ाने के प्रयास रहेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन एवं उद्योग विभाग द्वारा अधिकतम प्रयास रहेंगे। जिले के औद्योगिक विकास के लिए नए प्रोजेक्ट पर काम करने के प्रयास रहेंगे। जिले में नई संभावनाओं पर निरंतर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसी के साथ लकड़ी उद्योग के अनुकूल भी जिले का वातावरण रहता है। लकड़ी उद्योग को वन जिला वन प्रोडक्ट योजना के तहत भी चिन्हित किया गया है। इसी के साथ डेजर्ट टूरिज्म की संभावनाओं को तलाश कर रहे हैं। ताल छापर के इको सेंसेटिव जोन में भी होटल एंड रिजॉर्ट डेवलपमेंट के साथ औद्योगिक गति को बढ़ाने के प्रयास हैं। इसी के साथ सालासर व इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर आदि क्षेत्रों में भी पर्यटन एवं देवस्थान की अपार संभावनाएं हैं। जिले के चूरू व राजगढ़ में खारा पानी होने से झींगा पालन एक अच्छा व्यवसाय है। इस व्यवसाय के लिए प्रोसेसिंग यूनिट में भी बेहतर संभावनाएं हैं। सरदारशहर, बीदासर व रतनगढ़ क्षेत्र में मूंगफली की अच्छी उपज होती है, इसलिए वहां पर मूंगफली से ईडाइबल ऑयल, मूंगफली उत्पादों की प्रोसेसिंग यूनिट की संभावना पर विचार किया जा सकता है।

हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी लगेगी
जिला कलेक्टर सुराणा ने बताया कि जिला स्तरीय इन्वेस्टर मीट में हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी में जिले में लकड़ी, बंधेज, मोचड़ी, लाख आदि से बनाए जाने वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
उद्योग महाप्रबंधक नानुराम गहनोलिया ने सभी मीडियाकर्मियों के सहयोग से निवेशकों को आमंत्रित के जिले में निवेश बढ़ाने की अपील की।

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