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पेरिस पैरा ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का ऐतिहासिक प्रदर्शन, भारत ने पहली बार जीते 7 स्वर्ण सहित 29 पदक, विभिन्न इवेंट्स में मिले डबल मेडल, पीसीआई अध्यक्ष के तौर पर खिलाड़ियों को नेतृत्व एवं मार्गदर्शन दे रहे हैं चूरू के देवेंद्र झाझड़िया

चूरू। देश के लिए दो गोल्ड सहित तीन पैरा ओलंपिक पदक जीतने वाले खेल रत्न अवार्डी देवेंद्र झाझड़िया पेरिस पैरा ओलंपिक में बतौर पीसीआई अध्यक्ष अपनी नई भूमिका में सफल साबित हुए हैं। बतौर पैरा ओलपिंक कमेटी अध्यक्ष उन्होंने पेरिस जाते हुए 25 प्लस पदक जीतने और पदक सारिणी में टॉप 20 में रहने का दावा किया था, जिस पर वे खरे साबित हुए हैं। पेरिस पैरा ओलंपिक 2024 में 29 स्वर्ण पदक एवं कुल 29 पदकों के साथ भारत पदक सारिणी में 16 वें स्थान पर है। यह भारतीय खेल जगत के लिहाज से अभूतपूर्व उपलब्धि है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष हुए पेरिस ओलंपिक 2024 में अपेक्षाकृत परिणाम नहीं मिलने से पैदा हुई निराशा के बाद पैरा ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर पहला पैरा ओलंपिक फेस कर रहे खेल रत्न अवार्डी देवेंद्र झाझड़िया ने 25 से अधिक पदक जीतने का दावा कर खेलप्रेमियों में एक उत्साह का संचार करते हुए भरोसा दिलाया था। पैरा खिलाड़ियों ने जबरदस्त किया और उस भरोसे पर खरे उतरे। पैरा ओलंपिक खेलों के इतिहास में यह आज तक की सबसे बड़ी सफलता है। क्लब थ्रो, हाईजंप, जेवलिन थ्रो, बैडमिंटन और शूटिंग- इन पांच खेलों में एक ही केटेगरी में भारत ने दो-दो पदक जीते हैं। जिजीविषा और हौसले का इतिहास रचते इन खिलाड़ियों के साथ इनका उत्साह बढ़ाने के देवेंद्र झाझड़िया हमेशा साथ खड़े नजर आए। देवेंद्र ने अपने अंतरराष्ट्रीय और पैरा ओलंपिक अनुभवों का लाभ उठाते हुए खिलाड़ियों को शारीरिक एवं मानसिक तौर पर फिट रखने के लिए समुचित प्रयास किए और उन्हें लगातार मार्गदर्शन एवं सान्निध्य प्रदान कर दबाव प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। देवेंद्र जानते हैं कि एक खिलाड़ी को विदेशी धरती पर, ग्राउंड में किन-किन शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना होता है। किस-किस तरह के दबाव और तनाव उसे झेलने होते हैं और कौनसी चीज उन्हें इससे उबार सकती है।

पैरा-खिलाड़ियों के प्रदर्शन से उत्साहित देवेंद्र झाझड़िया बताते हैं कि खिलाड़ी जिस ढंग से मेहनत कर रहे थे, उसी के दम पर हमने यह भरोसा जताया था कि 25 से अधिक पदक लेकर हम लौटेंगे। प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी का भी यह दृष्टिकोण था कि खिलाड़ियों के लिए संसाधनों का किसी भी तरह से अभाव नहीं रहना चाहिए और उन्हें बेहतर माहौल खेलने के लिए मिलना चाहिए। हमने हर स्तर पर यह प्रयास किया कि खिलाड़ियों को पूरा सपोर्ट मिले। उनके शारीरिक फिटनेस और दबाव प्रबंधन पर भी हमने निरंतर काम किया। खिलाड़ियों ने इसका लाभ उठाया और इसका परिणाम हम सभी के सामने है। देवेंद्र ने कहा कि भारत की पेरिस पैरा ओलंपिक खेलों में यह सफलता हमेशा याद रखी जाएगी और भारतीय खेल जगत के लिए यह मील का पत्थर साबित होगी।

उल्लेखनीय है कि चूरू के देवेंद्र झाझड़िया स्वयं एथेंस पैरा ओलंपिक खेल 2004 में भारत के लिए तब स्वर्ण पदक जीत चुके हैं, जब पैरा गेम्स को कोई जानता तक नहीं था। उसके बाद देवेंद्र ने वर्ष 2016 के रियो पैरा ओलंपिक में स्वर्ण तथा 2021 के पेरिस पैरा ओलंपिक में रजत पदक जीता। अर्जुन अवॉर्ड, महाराणा प्रताव अवॉर्ड , पद्मश्री अवॉर्ड के बाद देवेंद्र को खेल जगत का सर्वोच्च पुरस्कार मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड तथा देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण अवॉर्ड भी मिल चुका है। बतौर पैरा ओलंपिक कमेटी अध्यक्ष देवेंद्र की हालिया उपलब्धियों से उनके समर्थकों, प्रशंसकों, खेलप्रेमियों और शुभचिंतकों में उत्साह की लहर है।

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