जम्मू के कठुआ जिले में शुक्रवार को राजस्थान का जवान शहीद हो गया। वे राजाखेड़ा (धौलपुर) के रहने वाले थे। उनकी पार्थिव देह पैतृक गांव दूल्हे राय का घेर पहुंची। शहादत की जानकारी के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद की पत्नी को भी तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।
शहीद रामकिशोर की 18 सितंबर को आखिरी बार फोन पर पत्नी से बात हुई थी। उन्होंने जनवरी में घर आने का वादा किया था।
सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक ब्रिगेडियर वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया- जवान रामकिशोर बैटल कैजुअल्टी में शहीद हुए हैं। शहीद के घर कलेक्टर श्रीनिधि बीटी सहित से प्रशासन के अधिकारी मौजूद हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देने मंत्री जवाहर सिंह बेढम भी पहुंच गए हैं।
शहादत की खबर सुनकर शहीद की पत्नी दिव्या की तबीयत खराब हो गई है।
10 दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे कुमाऊं रेजिमेंट के रामकिशोर के घर में उनके पिता, मां, तीन बड़े भाई और दो बहनें हैं। पिता महावीर ने बताया कि बेटा 11 सितंबर को ही 20 दिन की छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। शहीद रामकिशोर साल 2019 में आर्मी में भर्ती हुए थे। उनकी शादी 7 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश के जरारी गांव निवासी दिव्या के साथ हुई थी।
वीरांगना दिव्या ने रोते हुए कहा कि- ‘जब वे ड्यूटी पर जा रहे थे, मैंने जाने के लिए मना किया था, लेकिन वह नहीं माने। परसों (बुधवार) शाम को उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि जनवरी-फरवरी में आने की कोशिश करूंगा।’
जवान रामकिशोर (25) के शहीद होने की खबर सुनकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद भाइयों में सबसे छोटे थे।
सुबह 8 बजे तक नहीं पहुंचे थे अधिकारी ग्रामीण विजय बाबू ने बताया कि जवान के शहीद होने की खबर शुक्रवार दोपहर को ही प्रशासन को दे दी गई थी। तब से लेकर शनिवार सुबह 8 बजे तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था।