महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर (शादी के बाद गैर पुरुष से संबंध) है तो वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं है। एक केस में जयपुर की फैमिली कोर्ट-1 ने यह फैसला सुनाया।
तलाक से जुड़े मामले में कोर्ट ने पत्नी के स्थायी गुजारा भत्ता की याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि महिला का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर था।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- पत्नी शादी के बाद भी एडल्ट्री (गैर पुरुष से अवैध संबंध) में रही। ऐसे में कानून के तहत वह स्थायी भरण पोषण का हक नहीं रखती है।
दरअसल, पत्नी ने पति से स्थायी भरण पोषण के तहत 40 लाख रुपए की मांग की थी। पत्नी का कहना था कि पति की सरकारी नौकरी है। उसके पास पर्याप्त संपत्ति है। ऐसे में उसे स्थायी भरण पोषण दिलाया जाए।
वहीं, पति ने पत्नी के प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कहा था कि वह केवल एक क्लर्क है। उस पर पूर्व दिवंगत पत्नी से पैदा हुए बेटे और बीमार मां की जिम्मेदारी है। स्वयं भी बीमार रहता है। यह राशि देने में वह सक्षम नहीं है।
पति ने कहा- पत्नी शादी से पहले से ही पड़ोस में रहने वाले युवक से प्रेम करती थी। शादी के बाद भी उसने संबंध जारी रखे। दोनों का कोर्ट में क्रूरता और एडल्ट्री के आधार पर ही 2019 में तलाक हो चुका है। इस पर अदालत ने पत्नी के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।
पत्नी के प्रेमी ने चाकू से किया था हमला मामले से जुड़े वकील डीएस शेखावत और रजनी अग्रवाल ने बताया- जयपुर के रहने वाले युवक-युवती की शादी 18 नवंबर 1991 को हुई थी। शादी के बाद दोनों के एक बेटी हुई। पत्नी के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चलते शादी के बाद से ही दोनों के बीच झगड़े होने लगे।
पत्नी के प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए पति ने कहा- मेरी पत्नी के शादी से पूर्व ही उसके पड़ोस में रहने वाले युवक से प्रेम संबंध थे। लेकिन, परिजनों ने उसकी जबरन मुझसे शादी कर दी। शादी के बाद भी पत्नी ने अपने प्रेमी से बात करना नहीं छोड़ा।
मैंने पत्नी को कई बार समझाया, लेकिन वह नहीं मानी। 19 दिसंबर 1993 को उसने प्रेमी के साथ मिलकर मुझ पर चाकू से हमला करवा दिया। इसकी एफआईआर भी वैशाली नगर थाने में दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने आरोपी युवक को हथियार के साथ गिरफ्तार करके उसके खिलाफ चालान भी पेश किया था।