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राजस्थान में 2 दिन (शुक्रवार और शनिवार) ग्रेजुएट लेवल समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेशभर में इस एग्जाम के लिए 13 लाख 4 हजार 142 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड हैं। परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को सेंटर तक पहुंचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा।

रोडवेज प्रशासन की ओर से पर्याप्त बसों की व्यवस्था नहीं किए जाने से बस स्टैंड पर अफरा-तफरी का माहौल नजर आया। बसों में ठूंस-ठूंस कर सवारियां भरी हुई थी। एक सीट के लिए कई अभ्यर्थी जद्दोजहद करते नजर आए। कई अभ्यर्थी तो दरवाजे की जगह खिड़कियों से बस में घुसते नजर आए।

धौलपुर से अलवर जा रही बस को ड्राइवर और कंडक्टर ने गुरुवार रात को भरतपुर बस स्टैंड पर रोक दिया और कहा- बस आगे नहीं जाएगी। सीईटी एग्जाम देने अलवर जा रहे छात्रों ने इसका विरोध किया तो रोडवेज कर्मचारियों ने लाठी-डंडों से पीटकर अभ्यर्थियों को नीचे उतार दिया। इसके चलते कई अभ्यर्थियों को चोटें आईं। एक अभ्यर्थी को आरबीएम अस्पताल ले जाना पड़ा।

लोहागढ़ डिपो के चीफ मैनेजर सुदीप दीक्षित ने शुक्रवार को बताया- अभ्यर्थियों और रोडवेज कर्मचारियों के बीच झगड़े की जांच की जा रही है। इसके बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे। उधर, आरोपी रोडवेज कर्मचारियों ने फोन नहीं उठाया। हालांकि किसी अभ्यर्थियों ने थाने में शिकायत नहीं दी और प्राइवेट वाहनों से अपने गंतव्य रवाना हुए।

मोहन सिंह निवासी बसई नवाब जिला धौलपुर ने बताया- मैं धौलपुर से अलवर जाने के लिए रोडवेज बस से निकला था। रोडवेज बस नदबई होते हुए अलवर जा रही थी। करीब 50 अभ्यर्थी बस में चढ़े थे। कंडक्टर ने सभी अभ्यर्थियों का अलवर तक का टिकट काटा था। भरतपुर बस स्टैंड पर ड्राइवर और कंडक्टर कहने लगे कि यह बस अलवर नहीं जाएगी। इसके बाद अभ्यर्थियों और बस के ड्राइवर कंडक्टर में बहस हुई।

इसके बाद ड्राइवर, कंडक्टर व अन्य रोडवेज कर्मचारियों ने अभ्यर्थियों के साथ डंडों से मारपीट की। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि ड्राइवर कंडक्टर ने शराब पी हुई थी। इसमें से एक कर्मचारी का नाम मानवेंद्र सिंह था।

बाड़मेर में बसों में सीट के लिए हुई मारामारी बाड़मेर में केंद्रीय बस स्टैंड पर जोधपुर जाने वाले अभ्यर्थियों की भारी भीड़ रही। रोडवेज प्रशासन ने पर्याप्त बसों की व्यवस्था नहीं की थी। इससे अफरा-तफरी मच रही। बसों में ठूंस-ठूंस कर सवारियां भरी हुई थी। ऐसे में कई युवा खिड़कियों से बसों में घुसते नजर आए।

परीक्षार्थी महेंद्र चौधरी ने कहा- सीईटी का एग्जाम शुक्रवार और शनिवार को है। बाड़मेर के अभ्यर्थियों को सेंटर जोधपुर दे दिया गया है, लेकिन पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण समय पर एग्जाम सेंटर पहुंचने की चिंता है।

दरअसल, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से ग्रेजुएट लेवल सीईटी एग्जाम के लिए बोर्ड ने बाड़मेर जिले में कोई सेंटर नहीं दिया। सभी अभ्यर्थियों को जोधपुर सेंटर दिया है। इसे लेकर ग्रामीण इलाकों से परीक्षार्थी सुबह 5 बजे से केंद्रीय बस स्टैंड पहुंचे और लाइनों में लग गए।

अभ्यर्थियों के लिए बस फ्री की गई, लेकिन बसों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई। बसों में क्षमता से ज्यादा परीक्षार्थी बैठे नजर आए। कई अभ्यर्थी बसों में चढ़ने के लिए दौड़ते नजर आए। युवतियों के हाल भी बेहाल रहे। भीड़ में धक्के खाने पड़े। अभ्यर्थियों ने कहा- राजस्थान में 50 जिले में से 25 जिलों में ही सेंटर दिए गए हैं। सरकार को बाड़मेर सेंटर देना चाहिए था।

धोरीमन्ना निवासी महेंद्र पाल ने बताया- मैं धोरीमन्ना से आया हूं। बाड़मेर में सीईटी का एग्जाम सेंटर नहीं होने से मजबूरी में जोधपुर जाना पड़ रहा है। रोडवेज बसों में किराया नहीं लग रहा है, लेकिन भीड़ के कारण मुसीबत है। साढ़े पांच बजे से लाइन में लगा था। सुनने वाला कोई नहीं है।

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