Contact Information

सिटी कार्यालय: मोटर मार्केट वार्ड नं. 18, नया 23, सरदारशहर चूरू(राजस्थान),
मुख्य कार्यालय: 42, कॉस्मो कॉलोनी, विनायक रेजीडेंसी, विशाली नगर, जयपुर

We Are Available 24/ 7. Call Now.

कश्मीर में कुलगाम के आदिगाम देवसर इलाके में शनिवार सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। दोपहर में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। इलाके में दो-तीन आतंकियों के छिपे होने की आशंका थी। सेना के 3 जवान और कुलगाम के ASP घायल हुए हैं। चारों को इलाज के लिए श्रीनगर शिफ्ट किया गया है।

कश्मीर जोन पुलिस ने शनिवार सुबह 7:05 बजे X पर पोस्ट के जरिए मुठभेड़ की जानकारी दी। बताया कि पुलिस और सेना ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत आदिगाम में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। फिलहाल ऑपरेशन जारी है।

कुलगाम मुठभेड़ में घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में ASP मुमताज अली भट्टी, सिपाही सोहन कुमार, सिपाही योगिंदर और मोहम्मद इसरान शामिल हैं।

पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के 6 सहयोगी गिरफ्तार दूसरी तरफ, पुलिस ने शुक्रवार, 27 सितंबर को पुलवामा के अवंतीपोरा में टेरर मॉड्यूल का खुलासा किया। पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार कियाI ये युवाओं को आतंकवाद की ट्रेनिंग देते थे। इनके पास से 5 IED, 30 डेटोनेटर, IED की 17 बैटरी, 2 पिस्टल, 3 मैगजीन, 25 राउंड, 4 हैंड ग्रेनेड और 20 हजार कैश बरामद हुआ है।

युवाओं की मदद से हमलों को अंजाम देने की साजिश थी पुलिस ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित कश्मीरी आतंकी उन युवाओं की तलाश में हैं, जिनका ब्रेन वॉश किया जा सकता है। जांच में सामने आया कि आतंकी ने जेल में एक ओवर ग्राउंड वर्कर की मदद से कई युवाओं की पहचान की, जिन्हें अवंतीपोरा के त्राल क्षेत्र में आतंकवाद में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया था।

पुलिस के मुताबिक, पाकिस्तान के आतंकी हैंडलर ने इन युवाओं की मदद से IED लगाने के लिए कुछ जगहों को सिलेक्ट भी कर लिया था। हैंडलर और IED बनाने के लिए उन युवाओं को पैसे भी दिए थे, जिससे वे इसके लिए सामान ला सकें।

युवाओं को पिस्तौल, ग्रेनेड, IED भी दी गई थी। युवाओं को टारगेट किलिंग, सुरक्षाबलों, सार्वजनिक जगहों, गैर कश्मीरी मजदूरों पर ग्रेनेड फेंकने और IED ब्लास्ट करने जैसी टेररिस्ट एक्टिविटी को अंजाम देने का निर्देश दिया गया था।

इससे पहले 12 अगस्त को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक चरवाहा मॉड्यूल पकड़ा था, जिसमें 9 सदस्य थे। ये लोग ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ढोंक (मिट्‌टी के झोपड़े) बनाकर रहते थे। ये लोग सांबा और कठुआ बॉर्डर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों को ढोंक में रुकने-खाने और पहाड़ों-जंगलों में छिपने की ट्रेनिंग देते थे।

Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *