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देश भर में प्रसिद्ध सालासर बालाजी कस्बे में अवैध निजी पार्किंग का काम धड़ल्ले से चल रहा है। पचास से भी ज्यादा पार्किंग स्थल साल भर में करोड़ों का व्यापार करते हैं। चौंकाने वाली बात ये है कि मन्दिर से मात्र पचास मीटर की दूरी पर कई प्राइवेट पार्किंग संचालित हो रही है। सालासर कस्बा पहले से ही भारी अतिक्रमण की चपेट में है। ऐसे में ये पार्किंग स्थल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी को और बढ़ा रहे हैं। यही नहीं, मेले और भीड़ भाड़ वाले दिनों में ये मनमाना पार्किंग चार्ज भी वसूल करते हैं।

प्रशासन और पंचायत का कहना है कि इनमें से किसी ने भी कभी पार्किंग को लेकर कोई स्वीकृति नहीं ली है। मामले को लेकर तहसीलदार सुभाष चन्द स्वामी ने कहा कि आवासीय परिसरों में चल रही निजी पार्किंगों को स्थानीय पंचायत और ग्राम विकास अधिकारी से चिह्नित करवाकर जिनके पास पट्टा नहीं है इन पर कार्रवाई की जाएगी, अवैध पार्किंग को सीज करवाया जाएगा।

यहां है अवैध पार्किंग स्थल मंदिर के गेट नंबर एक के सामने तीन, जाजोदिया धर्मशाला के पीछे पांच और इसके थोड़ा आगे चार पार्किंग है। वहीं कस्बे की सबसे व्यस्त रोड एसबीआई एटीएम के पास 6 पार्किंग बनी है। यहां से ढाका बाड़ी चौक की तरफ के रास्ते पर सात पार्किंग बनी हुई है। इनमें से बीस से ज्यादा पार्किंग मंदिर के पचास मीटर के दायरे में है। इसके अलावा कस्बे के शिव मंदिर तिराहा, बस स्टैंड के पीछे भी कई निजी पार्किंग है। कस्बे के कई निजी आवासों और खाली पड़े प्लॉट में भी लोग निजी पार्किंग चला रहे हैं।

पार्किंग चार्ज तय नहीं जानकारी के अनुसार आम दिनों में एक कार की तीन घंटे पार्किंग के पचास से सौ रुपए लिए जाते हैं। वहीं बस के दो सौ रुपए लेते हैं, लेकिन मंदिर के नजदीक चारों तरफ वाले निजी पार्किंग स्थल पर मेले या भीड़भाड़ वाले दिनों ज्यादा चार्ज भी लेते हैं। देखा जाए तो ये पार्किंग स्थल मंदिर से काफी दूर होने चाहिए। लेकिन मंदिर क्षेत्र में बनी ये निजी पार्किंग लोगों की समस्या को कम करने को बजाय बढ़ा रहे हैं। आपस में कंपीटीशन के चलते पार्किंग वाले आपस में झगड़ने भी लग जाते हैं।

यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं ज्यादातर निजी पार्किंग में यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। इनमें छाया, शौचालय, पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण यहां आने वाले यात्रियों को भारी परेशानी होती है।

इनका ये कहना निजी पार्किंग को लेकर किसी को कोई स्वीकृति नहीं दी है। ना किसी ने कभी मांगी। राजेश कुमार,ग्राम विकास अधिकारी अमर सिंह,नायब तसीलदार

सारी निजी पार्किंग अवैध है। मैंने कई बार प्रयास किए कि स्वीकृति देकर तय जगह पार्किंग बने, जिससे पंचायत को भी आय हो, लेकिन कस्बेवासी नहीं मानते। प्रेम ढाका, सरपंच प्रतिनिधि

जो पार्किंग आवासीय परिसरों में चल रही है, वे सभी अवैध है। अगर निजी पार्किंग स्थल का कॉमर्शियल में कन्वर्जन नहीं हुआ है तो पार्किंग सहित कोई भी कॉमर्शियल एक्टिविटी नहीं चलाई जा सकती। अगर पंचायत क्षेत्र में है, तो पंचायत इन्हें पट्टा जारी करे, या इन्हें अतिक्रमी माने। ओमप्रकाश वर्मा, एसडीएम सुजानगढ़

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