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पनीर टिक्का, शाही पनीर, पनीर पकौड़ा, पनीर पराठा। पनीर के अनगिनत जायके हैं। क्या कभी पनीर का हलवा खाया है? इसी तरह सब्जियों की ग्रेवी और सलाद में इस्तेमाल होने वाले टमाटर के हलवे का स्वाद चखा है?

अगर नहीं तो नवरात्रि स्पेशल जायका सीरीज की तीसरी कड़ी में आपको रूबरू करवाते हैं दोनों लजीज व्यंजनों से। पनीर और टमाटर का हलवा आप घर पर भी तैयार कर सकते हैं। ये सात्विक हैं, व्रत या उपवास में भी इनका आनंद ले सकते हैं। भास्कर ऐप के पाठकों के लिए इन दोनों ही जायकों को तैयार किया है जयपुर के आइनॉक्स-पीवीआर के हेड शेफ हिम्मत सिंह ने।

पनीर हलवा : नए जमाने की व्रत वाली रेसिपी, शाही दावतों की भी शान पनीर हलवा एक अनोखी और स्वादिष्ट फलाहारी डेजर्ट है। इसे भारतीय मिठाइयों की दुनिया में खास जगह मिली है। आमतौर पर पनीर का उपयोग नमकीन और मसालेदार व्यंजनों में अधिक होता है। जैसे- पनीर टिक्का या पनीर मखनी। लेकिन भारतीय मिठाइयों में पनीर का प्रयोग लंबे समय से होता आ रहा है। पनीर हलवा इसी रचनात्मकता का एक उदाहरण है। शाही दावतों में पनीर हलवा की काफी डिमांड रहती आई है। खास बात यह है कि पनीर हलवा उपवास में भी खा सकते हैं। यह शुद्ध और सात्विक है।

पनीर हलवा आया कहां से? पनीर का उपयोग करने की परंपरा वैदिक काल से मानी जाती है। पनीर से बनी मिठाइयों का मंदिरों में भोग लगाने का भी इतिहास मिलता है। पनीर का मीठे व्यंजनों में उपयोग कई भारतीय मिठाइयों में भी किया जाता रहा है, जैसे रसमलाई, छेना पायस, छेना पोड़ा आदि।

बंगाल में ‘छेना’ (पनीर का एक प्रकार) से कई मिठाइयां बनाई जाती हैं जैसे रसगुल्ला, संदेश आदि। पनीर हलवा भी इन्हीं मिठाइयों से प्रेरित एक मिठाई मानी जाती है।

पनीर हलवा पहली बार कब बना इसका इतिहास स्पष्ट रूप से लिखा नहीं मिलता, लेकिन माना जाता है कि यह मिठाई तब अस्तित्व में आई जब पनीर का उपयोग मीठे व्यंजनों में अधिक किया जाने लगा। पनीर, जो दूध को फाड़कर बनाया जाता है, प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है।

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