सवाई माधोपुर में रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मन्दिर जाने वाले रास्ते पर बुधवार सुबह टाइगर आ गया। यहां करीब 15 मिनट तक यह बाघ सिंहद्वार के पास चहलकदमी करता रहा। इस दौरान रास्ते से गुजर रहे लोग टाइगर देखकर एकबारगी दहशत में आ गए। राहगीरों ने इस पूरे वाकये को अपने कैमरे में कैद कर दिया, जिसे दैनिक भास्कर के साथ साझा भी किया।
दरअसल त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को बुधवार सुबह मन्दिर मार्ग पर बाघ के दीदार हुए। जिसे देखकर यहां से गुजर रहे राहगीर उत्साहित नजर आए।
टाइगर देखने के लिए रूक गए श्रद्धालु दरअसल, रणथम्भौर के जोन नम्बर 5 से एक टाइगर निकलकर सिंह द्वार के करीब आ गया। यहां सिंह द्वार के आस पास टाइगर ने त्रिनेत्र गणेश मन्दिर मार्ग पर चहलकदमी की। इस दौरान यहां से गुजर रहे श्रद्धालु भी टाइगर के दीदार करने के लिए सड़क पर रूक गए। जिससे कुछ देर के लिए यहां वाहनों की भीड़ भी लग गई।
वन विभाग की टीम पहुुंची मौके पर सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और श्रद्धालुओं को टाइगर के आसपास के दूर किया। कुछ ही देर में टाइगर मुख्य सड़क से हट गया और सड़क किनारे चहलकदमी करने लगा। यहां इस दौरान टाइगर का मूवमेंट करीब 15 मिनट तक बना रहा। जिसके बाद टाइगर ने फिर से जोन नम्बर 5 का रूख किया।
श्रद्धालुओं ने कैमरे में कैद किया वाकया इस पूरे वाकये को यहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। जानकारी के अनुसार सुबह जोन नम्बर 5 से निकलने वाला टाइगर टी-120 गणेश हो सकता है। हालांकि वन विभाग की ओर से यह कौनसा टाइगर था, इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
6 साल का टाइगर गणेश होने का अनुमान टाइगर टी-120 गणेश का जन्म और पालन-पोषण लाहपुर घाटी में हुआ, जो शायद ही कोई पर्यटक क्षेत्र है। उसका जन्म जुलाई 2018 में हुआ था। उसकी मां टी-63 है, जिसे चंद्रा के नाम से भी जाना जाता है। 25 अक्टूबर, 2018 को, ऑडी खो क्षेत्र में पहली बार टी-63 को 2 शावकों को कैमरा ट्रैप में कैद किया गया था। इन शावकों में टी-120 और टी-121 शामिल थे। उस समय दोनों शावक लगभग तीन या चार महीने के थे।
ये दोनों शावक वयस्क होने के बाद 2021 में अपनी मां (टी-63) से अलग हो गए थे। टी-120 और टी-121 दो नर शावकों को दिए गए बाघ कोड थे। टी-120, बाघ, उनमें से एक था। टी-121, उसका भाई है। टी-120 के दाहिने पैर पर 9 का निशान है।