भारत लगातार इन आरोपों को खारिज करता रहा है. लेकिन एक बार फिर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने इस बात को उठाया है. लेकिन सवाल ये उठता है कि कनाडा में ऐसा क्या हो रहा है जिसकी वजह से कनाडा और भारत के रिश्ते इस हद तक आ पहुंचे हैं.
कनाडा में ट्रूडो की राजनीतिक स्थिति
इस साल अगस्त में ही पीएम जस्टिन ट्रूडो का एक वीडियो वायरल हुआ था. वे स्टील कर्मचारियों से मिल रहे थे और एक स्टील वर्कर ने उनसे हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. वर्कर ने कहा कि नौकरी होने के बावजूद उसे गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
ट्रूडो ने जवाब में उन कामों की पूरी लिस्ट बताई जो उनकी लिबरल सरकार ने कामकाजी परिवारों की मदद के लिए किए हैं. लेकिन इसके बाद भी उस वर्कर ने ट्रूडो से कहा, “मुझे आपकी किसी बात पर भरोसा नहीं है और लगता है कि आप बस एक साल के लिए और हैं.”
इस क्लिप को इंटरनेट पर लाखों बार देखा गया है और टोरंटो ग्लोब एंड मेल ने इसे कनाडाई राजनीति में परफेक्ट मिनिएचर ऑफ द मोमेंट बताया यानी ये आज की स्थिति का छोटा सा लेकिन सटीक रूप है.
जब ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री बने थे, तो शुरू के कुछ सालों में वो आइकन की तरह देखे जाते थे. कई बड़ी मैगज़ीन उन्हें कवर पेज पर छाप रही थीं. लेकिन उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के नौवें साल में उनकी अप्रूवल रेटिंग 33 फ़ीसद पर आ पहुंची है. अप्रूवल रेटिंग में उनके विपक्षी नेता पीयर पोयलिवरा आगे चल रहे हैं.