पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र विधानसभा के चुनावों की टाइमिंग को लेकर आयोग पर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने राजस्थान में सात सीटों पर होने वाले उपचुनावों में गठबंधन को लेकर कहा कि इस पर हाईकमान फैसला करता है।
महाराष्ट्र चुनावों पर गहलोत ने कहा – चुनाव आयोग का रवैया अच्छा नहीं है। जिस तरह महाराष्ट्र में 23 को नतीजे आएंगे और उसके बाद 26 तारीख को असेंबली का लास्ट डे है। इसका मतलब है शाम को परिणाम आएंगे और 2 दिन रहेंगे। आज तक इतिहास में ऐसा नहीं हुआ असेंबली का कार्यकाल खत्म होने के दो दिन पहले ही रिजल्ट आएं हो। हरियाणा में इन्होंने उल्टा किया। हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव साथ करवाने चाहिए थे।
गहलोत ने कहा- यह बड़े आश्चर्य की बात है कि असेंबली के कार्यकाल से दो दिन पहले आप चुनाव संपन्न करवा रहे हो। चुनाव की काउंटिंग भी होती है, कई बार रिकाउंटिंग भी होती है। कोई शिकायत भी करता है, शिकायतें दूर होती हैं। लोग चुनाव आयोग भी जाते हैं। यह अपने आप में एक संकेत करता है कि चुनाव आयोग का रुख अच्छा नहीं है।
मैंने सबसे बात की है, एकजुट होकर चुनाव लड़ें
गहलोत ने कहा- सभी क्षेत्रों में जहां उपचुनाव हो रहे हैं, आज ही मैंने सब से बात की है। मैंने खुद ने सब से बात की। सब को यह कहा है कि आप सब मिलकर एकजुट होकर चुनाव लड़ो और हमें जीत कर आना है।
गठबंधन पर फैसला हाईकमान करेगा
गठबंधन के सवाल पर गहलोत ने कहा- यह तो हाई कमान फैसला करता है। यह फैसला स्टेट में नहीं होता है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा और मेरी भी चार-पांच दिन पहले बात हुई थी। उनका यह कहना था कि हाई कमान स्तर पर ही तय होगा क्या करना है?
कांग्रेस में गठबंधन को लेकर एकमत नहीं हैं नेता
कांग्रेस में गठबंधन को लेकर नेताओं क अलग अलग राय है। एक धड़े के नेता गठबंधन के समर्थन में हैं, जबकि दूसरा धड़ा अकेले लड़ने का पक्षधर है। लोकसभा चुनावों में नागौर सीट पर आरएलपी से कांग्रेस ने गठबंधन किया, सीकर सीट सीपीएम के अमराराम के लिए छोड़ी थी। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट ऐन वक्त पर बीएपी के लिए छोड़ने का ऐलान किया, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार ने नाम वापस नहीं लिया। अब बीएपी ने अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। हनुमान बेनीवाल खींवसर के साथ देवली उनियारा सीट भी मांग रहे हैं।