चूरू |
राजकीय मेडिकल कॉलेज अब रक्तदान-नेत्रदान की तरह देह दान जागरूकता अभियान चलाएगी। इसके लिए सामाजिक संस्थाओं को जोड़ा जाएगा। स्कूल और कॉलेज में जागरूकता रैली एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। ये निर्णय बुधवार को कॉलेज में प्रिंसिपल प्रो. गजेंद्र सक्सेना की अध्यक्षता में हुई विचार गोष्ठी में लिया गया।
गोष्ठी में शहर के प्रबुद्ध नागरिकों एवं प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया। बतादें कि 7 अक्टूबर को दैनिक भास्कर में मेडिकल कॉलेज; डेड बॉडी में चीर-फाड़ किए बिना ही 850 स्टूडेंट्स को करा दी एनाटॉमी की पढ़ाई… समाचार प्रकाशित होने के बाद कॉलेज प्रशासन ने देह दान को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाने के लिए गोष्ठी बुलाई।
गोष्ठी में प्रिंसिपल प्रो. सक्सेना ने देह दान की प्राचीन परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे देश में अनादिकाल से ये परंपरा चली आ रही है, बस जागरूकता का अभाव है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए बॉडी डोनेशन होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने वाला प्रत्येक छात्र मानव शरीर को अंदर से देखकर ही प्रैक्टिकल सीखते हैं।
इससे पहले पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी असगर अली जोइया, डीबीएच के पूर्व उप नियंत्रक डॉ. जेपी माहिच, डॉ. राहुल कस्वां, प्रमोद शर्मा, सत्यनारायण, दीनदयाल सैनी आदि ने जागरूकता के लिए विभिन्न आयोजन एवं संस्थाओं की भागीदारी पर जोर दिया। गोष्ठी में एनेस्थिसिया के डॉ. दीपक चौधरी, सहायक प्रोफेसर मो. आरिफ, डॉ. अजीत गढ़वाल, डॉ. प्रदीप कस्वां, डॉ. ज्योति, डॉ. सुमन चौधरी, डॉ. अभिमन्यु तिवाड़ी, डॉ. विकास देवड़ा एवं डॉ. शशिधर सहित अन्य मौजूद थे। अंत में प्रिंसिपल डॉ. सक्सेना ने आभार व्यक्त करते हुए जल्द ही इस बार में कार्ययोजना बनाने का विश्वास दिलाया।