SIKER पिता ने एक्सीडेंट में घायल बेटे के लिए पहले 3 बीघा जमीन गिरवी रखी। जब इलाज के दौरान मौत हुई तो महाराष्ट्र के नागपुर से एम्बुलेंस से शव को गांव में भेजा गया। यहां इसका किराया देने के लिए पिता को 13 बकरियों को बेचना पड़ा।
मामला नीमकाथाना जिले के आगरी की ढाणी रावजी का है। 42 साल के रणवीर सोलंकी को नागपुर में सरिया से भरी एक पिकअप ने टक्कर मार दी थी। हादसे में उसकी जान चली गई। पिता की लाख कोशिश के बाद भी वह अपने बेटे को बचा नहीं सके।
एक महीने पहले गया था मजदूरी करने नागपुर
पिता बाबूलाल सोलंकी ने बताया कि उनका बेटा रणवीर सोलंकी (42) एक महीने पहले 17 सितंबर को महाराष्ट्र के नागपुर में मजदूरी करने गया था। वह अलग-अलग कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने जाता था। 10 अक्टूबर की शाम वह मजदूरी कर अपने नागपुर निवासी अपने साथी राहुल मनमोड़े के साथ स्कूटी पर अपने मकान पर जा रहा था। इसी दौरान नागपुर-उमराव नेशनल हाईवे नं. 6 पर लोहे के सरियों से भरी पिकअप से स्कूटी टकरा गई।
इस दौरान सरिए रणवीर और राहुल के शरीर में घुस गए। हादसे में रणवीर के साथी राहुल की मौके पर ही मौत हो गई थी। घायल रणवीर को नागपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां उपचार के दौरान बुधवार 16 अक्टूबर की रात 12 बजे उसने भी दम तोड़ दिया।
इलाज के लिए 3 बीघा जमीन गिरवी रखी
पिता ने बताया कि साथ में काम करने वाले एक व्यक्ति ने 10 अक्टूबर को फोन पर हादसे के बारे में सूचना दी थी। साथ ही कहा कि इलाज के लिए पैसों की जरूरत है। इसके बाद मैंने 3 बीघा जमीन गिरवी रखकर 3 लाख रुपए अस्पताल भिजवाए। लेकिन रणवीर की इलाज के दौरान मौत हो गई।
17 अक्टूबर को शाम चार बजे घर पहुंची तो मेरे पास एम्बुलेंस वाले को देने को किराया नहीं था। एम्बुलेंस वाले ने 39 हजार रुपए मांगे थे। इस पर 13 बकरी बेचकर मैंने एम्बुलेंस के रुपए चुकाए। गुरुवार को शाम 5.30 बजे अंतिम संस्कार किया गया।
पिता के पैर में फ्रेक्चर, पत्नी मानसिक बीमार
बाबूलाल सोलंकी ने बताया- पिछले 13 साल से रणवीर की पत्नी सीमा (38) मानसिक रोग से ग्रस्त है। पत्नी की दवाइयां चल रही है। हर महीने सीकर के निजी अस्पताल से 5 हजार रुपए की दवाई आती है। जब पति का शव घर आया तो पत्नी सीमा बीमार हो गई। इसके बाद परिवार के सदस्यों को दवाई लेने के लिए सीकर भेजा। सीमा पति का शव देखने के बाद दो दिन से बेसुध है। उसको बार-बार दवाई देने के लिए उठाया जा रहा है।
पिता बाबूलाल के पैर में भी फ्रैंक्चर है। बकरियों को चराते समय वे पहाड़ी की चट्टान से गिर गए थे। इसके बाद पैर में रॉड डाली गई थी। रणवीर के 3 बेटे है। बड़ा बेटा मोहित (13), विशाल (10), सुमित (8) है।
ग्रामीणों ने बताया कि परिवार की हालत दयनीय है, भामाशाह और प्रशासन गरीब परिवार का सहयोग करें तो परिवार को आर्थिक मदद मिल सकती है।