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बार और बैंच न्यायिक प्रक्रिया की दो धुरिया मानी जाती हैं। पहले भी कई बार, बार और बैंच में गतिरोध पैदा हुआ हैं। लेकिन इस बार गतिरोध इस कदर बढ़ गया है कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायती पत्र लिख दिया।

बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को शिकायती पत्र लिखा हैं। जिसमें उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।

इसके अलावा विरोध स्वरूप आज बार ने हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से आयोजित दीपावली स्नेह मिलन समारोह का बहिष्कार भी कर दिया। आज हाई कोर्ट में दीपावली से पहले अंतिम कार्य दिवस था। अब हाई कोर्ट में 4 नवम्बर को ही रूटीन सुनवाई होगी। ऐसे में परंपरा के अनुसार दीपावली से पहले अंतिम कार्य दिवस पर आयोजित स्नेह मिलन समारोह में बार और बैंच मिलकर भाग लेते आए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की नही हो रही पालना हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष प्रह्लाद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रेल 2023 को डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन देहरादून वर्सेज ईश्वर शांडिल्य केस में निर्णय देते हुए कहा था कि वकीलों की समस्याओं के समाधान के लिए हाई कोर्ट स्तर पर एक ग्रिवेन्सेस रिडर्सल कमेटी का गठन किया जाएगा।

इस कमेटी में मुख्य न्यायाधीश, हाई कोर्ट के दो सीनियर न्यायाधीश, बार काउंसिल चैयरमेन, बार अध्यक्ष और महाधिवक्ता होंगे। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 16 जनवरी 2024 को कमेटी का गठन कर दिया। लेकिन आज तक इस कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई। जबकि हाई कोर्ट बार अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर मुख्य न्यायाधीश को 9 रिप्रेजेंटेशन दे चुकी हैं। लेकिन आज तक हमारी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया।

3 हजार से ज्यादा जमानत याचिकाएं पैंडिग हाई कोर्ट बार के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने कहा कि हाई कोर्ट में इस समय करीब 3 हज़ार से ज्यादा जमानत याचिकाएं पैंडिग है। आरोपी जेलों में बंद है। हमने मुख्य न्यायाधीश से मांग की थी कि दीपावली की छुट्टियों के कारण करीब 9 दिन सुनवाई बंद रहेगी। ऐसे में जमानत याचिकाओं के लिए स्पेशल बैंच का गठन किया जाए। लेकिन उन्होने हमारी मांग को नकार दिया।

मुख्य न्यायाधीश की इस कार्यप्रणाली के चलते हमने हाई कोर्ट प्रशासन द्वारा आयोजित स्नेह मिलन समारोह का बहिष्कार किया हैं। बार का कोई भी वकील इस समारोह में शामिल नहीं हुआ। बार ने वकीलों के लिए अलग से स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया।

हालांकि इस गतिरोध को खत्म करने के लिए कई सीनियर अधिवक्ताओं ने अपने स्तर पर प्रयास भी किए। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

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