सरदारशहर के गांधी विद्या मंदिर के श्रीराम मंच परिसर में रविवार को सुबह पतंजलि परिवार और श्रीराम मंच योग क्लास द्वारा सुबह 6.15 से 7.30 बजे तक दीपावली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
योगाचार्य शिव भगवान भाकर की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि कनकमल दुगड़,योगाचार्य संतकुमार कौशिक,शेराराम कड़वासरा,सत्यनारायण झाझड़िया, ओमप्रकाश भाकर,राधेश्याम भार्गव,मोहनलाल पारीक आदि ने योगाभ्यास करते हुए योग का महत्व बताया गया। इस दौरान सरदारशहर में नियमित योगाभ्यास करवाने के वाले योगचार्यो का माला पहनाकर व प्रतीक चिंह देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार समाज सेवी राकेश हनुमागढिया ने कहा कि दिवाली रोशनी का त्योहार है, जिसे सदियों से उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता रहा है।
यह महाकाव्य त्योहार पुण्यवान भगवान राम की अपनी पत्नी सीता के साथ वापसी का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हर घर में दिवाली की तैयारियां उत्साह के साथ शुरू हो जाती हैं। परिवार और दोस्त शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करने और खुशी से मिलने के लिए चमकदार रोशनी वाले घरों में इकट्ठा होते हैं। रंग-बिरंगी रंगोली, फूलों से सजे दरवाजे, मिठाइयों और व्यंजनों की एक श्रृंखला और आतिशबाजी दिवाली की भावना को दर्शाती है।
जो समुदाय को उत्सव के उल्लास में डुबो देती है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, दीपावली का मतलब रोशनी की एक पंक्ति है। आध्यात्मिक रूप से, दिवाली व्यक्ति के आंतरिक प्रकाश, स्वास्थ्य और करुणा को रोशन करने का समय है। इस साल, योग के विज्ञान के माध्यम से स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती पर ध्यान केंद्रित करते हुए दिवाली मनाएं। त्योहारों को अपने जीवन में और अधिक आनंद और रोशनी लाने दें।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रहलाद सर्राफ,राकेश हनुमानगढिया,पकज अग्रवाल,शिवभगवान पारीक,शिवशंकर रातुसरिया,सांवमल पारीक,सुल्तान जांगिड़,भागिरथ सारण,महेंद्र सैनी,बालचंद सैनी,गोपालराम पारीक,महावीर बोहरा,भवानीशंकर बोहरा,हनुमान चौहान,अमरचंद नाई,प्रकाश बुच्चावास,राजू स्वामी,पंकज अग्रवाल,सतु स्वामी,अजनी भाट सहित बड़ी उपस्थित रहे।