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चूरू जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां और भाजपा विधायक हरलाल सहारण आपस में भिड़ गए। किसानों के फव्वारों से सड़क टूटने पर चालान बनाने की बात पर दोनों जनप्रतिनिधियों में तनातनी हो गई।

इससे एक बार तो सभागार में माहौल गर्मा गया, लेकिन बैठक में मौजूद जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा और जिला प्रमुख वंदना आर्य ने हस्तक्षेप कर मामला शांत करवाया।

बैठक में फव्वारों के पानी से सड़क टूटने का मुद्दा उठा चूरू जिला परिषद सभागार में शुक्रवार दोपहर साधारण सभा की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुद्दा उठा कि किसानों के द्वारा सिंचाई करने के दौरान फव्वारों का पानी सड़कों पर आता है तो सड़क टूट जाती है। इस पर चूरू विधायक हरलाल सहारण ने कहा कि गांव में ऐसा अनाउंस किया जाए कि सड़कों पर पानी नहीं आए। इस तरह की सार्वजनिक सूचना दी जाए। किसानों को समझाया जाए कि सड़क पर पानी नहीं आए और सड़कें नहीं टूटे। अगर फिर भी किसान नहीं मानते हैं तो उनका चालान कर पैसे वसूल किए जाएं।

इस पर सांसद राहुल कस्वां ने कहा- यहां डामर की रोड बनाते ही क्यों हो। जहां पानी आता है वहां ब्लॉक या इंटरलॉक का उपयोग कर सकते हैं। किसान बहुत कम एरिया में फव्वारों से सिंचाई करता है। किसी भी हालत में किसान का चालान नहीं काटने दिया जाएगा। इस बात को लेकर दोनों जनप्रतिनिधि आपस में भिड़ गए। चूरू विधायक हरलाल सहारण ने कहा- जिन्होंने कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार किया। सड़क, पानी और सब कुछ खा गए। वही लोग आज बोल रहे हैं।

बिजली-पानी को लेकर अधिकारी समय पर काम नहीं कर पा रहे सांसद राहुल कस्वां ने बताया- बैठक में सामने आया कि बिजली-पानी को लेकर अधिकारी समय पर काम नहीं कर पा रहे हैं। जिला परिषद के सदस्य हर बार बिजली-पानी की समस्या उठाते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इन बातों पर चर्चा की गई। जल जीवन मिशन के मुद्दे पर चर्चा की गई। कई जगह अभी तक काम पूरा नहीं हुआ है। आंकड़ों में ये लोग 2 लाख घरों को कनेक्शन देना बता रहे हैं, लेकिन असलियत में उन लोगों तक आज तक पानी नहीं पहुंच पाया है। बिजली के मामले में 6 हजार ढाणी में कनेक्शन देना था, लेकिन अभी तक 500 कनेक्शन भी नहीं दिए हैं।

ब्लॉक या इंटरलॉक का उपयोग करने की बात कही विधायक से तनातनी की बात पर सांसद ने कहा- हम मुद्दों की बात करते हैं। मुद्दों की मीटिंग होती है। सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) गांव में सड़क बनाता है। उन सड़कों में डामर का उपयोग होता है, जबकि नियमों में साफ-साफ लिखा है कि इसमें ब्लॉक या इंटरलॉक उपयोग कर सकते हैं।

किसान बहुत कम एरिया में फव्वारों से सिंचाई करता है। तब विधायक महोदय का मानना था कि जहां फव्वारे से सड़क टूटती है, वहां किसानों का चालान किया जाए। इस पर मैंने यह बात कही कि सरकार को अपनी नीति बदलनी चाहिए। रोड डामर की नहीं बल्कि ब्लॉक और इंटरलॉक की बनानी चाहिए। किसान का चालान किसी भी हालत में नहीं काटने दिया जाएगा।

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