चूरू
कंडम घोषित कलेक्ट्रेट के पुराने भवन को तोड़कर नया भवन बनाया जाएगा। करीब 41.42 करोड़ की लागत से बनने वाले नए कलेक्ट्रेट का भवन तीन मंजिला होगा। अभी तक 19.12 करोड़ का बजट मिलने के कारण पहले कलेक्ट्रेट के पीछे के भवन को तोड़कर नया बनाया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी की देखरेख में तोड़फोड़ एवं पट्टियां हटाने का काम शुरू हो गया है। दो साल में काम पूरा होने की संभावना है।
पीडब्ल्यूडी ने पूरे कलेक्ट्रेट भवन की ड्राइंग तैयार कर अप्रूवल करा ली है। 101 कमरों वाले नए तीन मंजिला कलेक्ट्रेट भवन में बेसमेंट में पार्किंग होगी। कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट के नए भवन के आगे के भाग के निर्माण के लिए 22.30 करोड़ का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी से बनाकर राज्य सरकार को भिजवा दिया है। पूरा काम पीडब्ल्यूडी की देखरेख में होगा। बतादें कि करीब 67 साल कलेक्ट्रेट का पुराना भवन 2014 में पीडब्ल्यूडी की ओर से नाकारा घोषित किया गया।
इसके बाद भी करीब 10 साल प्रशासन यहां पर कलेक्ट्रेट का संचालन करता रहा। 13 जुलाई 2024 को कलेक्ट्रेट के आगे उप डाकघर भवन का हिस्सा रात को गिर गया। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर पुष्पा सत्यानी के निर्देश पर कलेक्ट्रेट के अधिकतर विभाग दूसरे भवनों में स्थानांतरित किए गए। कलेक्टर व एडीएम कार्यालय आपणी योजना की बिल्डिंग में चल रहे हैं। पीडब्ल्यूडी एक्सईएन बजरंगलाल सोनी ने बताया कि विभाग ने पूरे भवन की ड्राइंग अप्रूवल हो गई है। इसमें ग्राउंड, फर्स्ट एवं सैकंड फ्लोर में 101 कमरें, मीटिंग हॉल एवं वीसी रूम भी बनेंगे। सर्वाधिक 39 कमरे ग्राउंड फ्लोर एवं 35 कमरे फर्स्ट फ्लोर में बनेंगे। कलेक्टर-एडीएम फर्स्ट फ्लोर में बैठेंगे। सैकंड फ्लोर पर मात्र 27 कमरे होंगे। बिल्डिंग में बेसमेंट भी बनाया जाएगा, जहां करीब 84 चार पहिया वाहनों की पार्किंग हो सकेगी। दुपहिया वाहनों की पार्किंग भी यही होगी। बेसमेंट में वाहनों की पार्किंग के लिए एंट्री एक नंबर गेट से होगी, जबकि दो नंबर गेट से अधिकारियों के वाहन आएंगे। पीछे के भवन में वाहनों की पार्किंग पीआरओ कार्यालय के आगे से बेसमेंट में वाहनों को पार्क करवाया जाएगा। पुराना कलेक्ट्रेट का भवन दो मंजिला है।
अब नया भवन तीन मंजिला होगा। पूरी बिल्डिंग आरसीसी मिश्रित होगी, जिसमें कंक्रीट को मज़बूत बनाने के लिए स्टील बार, तार, या जाली जोड़ी जाती है। ^कलेक्ट्रेट भवन निर्माण के लिए 19.12 करोड़ पहले ही मिल चुके हैं। चूंकि बजट आया हुआ, इसलिए उस बजट से पीछे की बिल्डिंग का काम शुरू करा दिया। आगे के हिस्से निर्माण का 22.30 करोड का बजट का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया। जल्द ही स्वीकृति मिलने की संभावना है। -अभिषेक सुराणा, कलेक्टर, चूरू ^कलेक्ट्रेट भवन के बारे में मुख्यमंत्री को मैं खुद अवगत करा चुका हूं। अब भेजे गए 22 करोड़ के प्रस्ताव को कलेक्ट्रेट के पिछवाड़े निर्माण शुरू होने से पहले मंजूर करवा देंगे। -अविनाश गहलोत, प्रभारी मंत्री, चूरू मौजूदा भवन 67 साल पुराना, बारिश के पानी से खोखला हुआ धांधला पत्थर : कलेक्ट्रेट का मौजूदा भवन करीब 67 साल पुराना है। इसका निर्माण धांधला पत्थर में हुआ। पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड एसई बच्छराज जांगिड़ का कहना है कि कलेक्ट्रेट का मौजूदा भवन के निर्माण में धांधला पत्थर काम में लिया गया। इसकी चिनाई चिकनी मिट्टी में हुई, जो कालांतर में कमजोर हो जाती है।
धांधला पत्थर भी बारिश के पानी के रिसाव से अंदर से खोखला होने लगता है। बारिश में मौजूदा कलेक्ट्रेट भवन में जगह-जगह पानी का रिसाव होता है। {सबसे पहले 1985 में कलेक्ट्रेट के पीछे का हिस्सा धराशायी हुआ, जिसके बाद पीछे के कुछ कार्यालय को बंद करवाकर दूसरी कमरों में लगाया गया। {5 जनवरी 2023 को स्टोर रूम का कुछ हिस्सा धराशायी हो गया। {13 जुलाई 2024 को कलेक्ट्रेट के आगे का हिस्सा उप डाकघर भवन धराशायी हुआ।