पुलिस ने कोचिंग स्टूडेंट को किडनैपर समझ पीछा किया। पुलिस की जीप को देख स्टूडेंट ने गाड़ी दौड़ाई तो एक्सीडेंट हो गया। इनका आरोप है कि इनके साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की और फिर हॉस्पिटल लेकर आए। चारों का एमबीएस हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
मामला देर रात ढाई बजे कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र का है। कार में चार स्टूडेंट थे। वहीं सीआई अरविंद भारद्वाज का कहना है कि हमें किसी ने सूचना दी थी कि गाड़ी में लड़कियों को किडनैप कर ले जाया जा रहा है। वे बचाओ-बचाओ चिल्ला रही है। इनमें 2 छात्र और 2 छात्राएं हैं। इनमें एक आईआईटी और 3 नीट की तैयारी कर रहे है।
स्टूडेंट बोले-पुलिस की जीप को देख कर घबरा गए,डंडे से पीटा
कार में सवार बिहार के एक स्टूडेंट ने बताया कि वह किसी परिचित की कार लेकर दोस्तों के साथ घूमने निकले थे। पैराडाइज बिल्डिंग से मैरिडियन हाइट की तरफ जा रहे थे। उसका दोस्त कार चल रहा था। रास्ता भी खराब था और अंधेरा हो रखा था।
इसी दौरान पुलिस की गश्त जीप को देखकर हम घबरा गए। दोस्त ने गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। रास्ता खराब था तो गाड़ी गड्ढे में कूदकर बेकाबू हो गई। वहां एक जिप्सी खड़ी थी। इसी को बचाने के चक्कर में हमारी कार नाले के पिलर से टकरा गई। हादसे में कार के पीछे बैठी दो स्टूडेंट घायल हो गई।
बोले- पुलिसकर्मी ने आते ही मारपीट शुरू कर दी
स्टूडेंट ने बताया कि गश्त जीप से उतरते ही पुलिसकर्मियों ने मेरे और दोस्त के साथ मारपीट शुरू कर दी। पुलिसकर्मी ने मुझे और मेरे दोस्त को डंडे से मारा और इसके बाद हॉस्पिटल लेकर आए।
मेरे हाथ में चाेट लगी है, जबकि दोस्त की पीठ पर चोट है। स्टूडेंट ने बताया कि अभी तक उन्होंने पुलिस को शिका
सीआई बोले-एक्सीडेंट के बाद पकड़ में आए,घायल हो गए थे कुन्हाड़ी थाना सीआई अरविंद भारद्वाज ने बताया कि रात करीब डेढ़ बजे नयापुरा विवेकानंद सर्किल पर कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि एक गाड़ी में कुछ लड़कियों को किडनैप कर ले जा रहे है। लड़कियां बचाओ-बचाओ चिल्ला रही है। इस पर पुलिस गश्त की टीम ने पीछा शुरू किया और कुन्हाड़ी व नांता की तरफ नाकाबंदी की।
इस पर लड़कों ने गाड़ी को दौड़ाना शुरू किया। इसके बाद उनकी गाड़ी एक सोसायटी सुवालका मल्टी में जा घुसी और यहां लगे बैरिकेड को टक्कर मार तोड़ दिए। सीआई ने बताया कि ये स्टूडेंट लैंडमार्क इलाके में पहुंचे, यहां पुलिस की जीप की लाइट को देख कार को अचानक से घुमाया और इसी दौरान कार दीवार से टकरा गई। हादसे के दौरान कुन्हाड़ी थाने की गश्त जीत 500 मीटर दूर थी। पुलिसकर्मियों ने बच्चों को बाहर निकाला और हॉस्पिटल पहुंचाया।
मारपीट के मामले में उनका कहना है- ऐसा नहीं है। एक्सीडेंट के पहले पकड़ में आते और मारपीट का आरोप लगाते तो हो सकता ने बात मानने में आती। मानवता ये कहती है कि हादसे में जो घायल हुआ है उसका पहले इलाज हो। बाकी कार्रवाई बाद में होती रहेगी।
ये घटना देर रात की है। इनकी कार का एक्सीडेंट हुआ था। जिन्हें पुलिसकर्मियों ने हॉस्पिटल पहुंचाया। वो एक्सीडेंट की चोट को डंडे की चोट बताना चाह रहे। इन्होंने गाड़ी किराए पर कहां से ली, गाड़ी मालिक ने कैसे दी?इनके पास लाइसेंस है या नहीं इस बारे में जांच करेंगे।