BIKANER शिक्षा विभाग ने राजस्थान के सात हजार टीचर्स का सही पद पर समायोजन करने का सिलसिला शुरू कर दिया है। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी से माध्यमिक शिक्षा निदेशक तक से आदेश जारी होने शुरू हो गए हैं। प्रदेश के हिन्दी माध्यम स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तब्दील करने के कारण करीब 35 हजार टीचर्स अधिशेष हो गए थे। इनमें कुछ को पूर्व विद्यालयों में ही समायोजित कर दिया गया था, जिसके बाद अधिशेष शिक्षकों की संख्या घटकर सात हजार हो गई। अब इन सात हजार का भी समायोजन किया जा रहा है।
दरअसल, कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में हिन्दी माध्यम स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में तब्दील कर दिया था। ऐसे में हिन्दी माध्यम स्कूल के टीचर जरूरत से ज्यादा हो गए, यानी अधिशेष हो गए। कुछ टीचर्स इसलिए अधिशेष हो गए, क्योंकि स्कूल को अपर प्राइमरी से सेकंडरी और सेकंडरी से सीनियर सैकंडरी कर दिया गया। ऐसे में जरूरत से ज्यादा टीचर्स की संख्या35 हजार तक पहुंच गई। पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग आदेश जारी करके शिक्षा विभाग ने क्रमोन्नत स्कूल के टीचर्स को वहीं पर पदस्थापित कर दिया। अधिशेष मानने के बजाय उसका नियमित पदस्थापन हो गया। वहीं हिन्दी माध्यम से मुक्त हुए टीचर्स ही अधिशेष रह गए। अब तक इनका वेतन अलग-अलग स्कूलों से उठ रहा था, जबकि वो काम किसी अन्य स्कूल में कर रहे थे।
ऐसे में अब हर जिले में अलग-अलग आदेश जारी करके समायोजन किया जा रहा है। अकेले बीकानेर जिले में 1900 टीचर्स को समायोजित किया जा रहा है। इनमें बड़ी संख्या में टीचर्स की स्कूल भी बदल रही है। समायोजन के लिए लेवल वन के टीचर्स को लेवल टू के पद पर भी समायोजित किया जा रहा है। वहीं माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अलग अलग आदेश जारी करके प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और लेक्चरर का समायोजन नए स्कूल में किया हे। इसमें बड़ी संख्या में लेक्चरर व प्रिंसिपल-वाइस प्रिंसिपल ने सिफारिश के दम पर बेहतर स्कूल में समायोजन करवा लिया, जबकि कुछ को इच्छा के विपरीत घर से दूर के स्कूल मिले हैं।