झुंझुनूं में एक किसान परिवार ने इच्छा मृत्यु मांगी है। राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई हैं। उनका कहना है कि निजी कंपनी व प्रशासन के अधिकारियों ने उसके मकान को अतिक्रमण में बताकर जबरन तोड़ दिया। मुआवजा भी नहीं दिया गया। न्याय के लिए थक चुके है। हताश होकर यह कदम उठाना पड़ा है। परिवार के 5 लोग सोमवार को कलेक्टर के पास पहुंचे और राष्ट्रपति के नाम पत्र सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की।
किसान विद्याधर यादव ने बताया कि उसका नवलगढ़ के गोठड़ा में मकान है। जिसे निजी कंपनी श्री सीमेंट फैक्ट्री व प्रशासन के अधिकारियों ने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए मकान को अतिक्रमण में बताकर 5 नवंबर को जबरन तोड़ दिया। निजी कंपनी द्वारा हमें मुआवजा भी नहीं दिया गया। प्रशासन के अधिकारियों को बहुत बार अवगत कराया। लेकिन वे भी कंपनी की पैरवी करते है। कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है। मेरा व मेरे परिवार का जीना मुश्किल हो गया है। न्याय के लिए चक्कर लगाकर थक चुके है, सुनवाई नही हो रही है। हार कर यह कदम उठा रहे है। 11 दिसंबर को हम परिवार सहित आत्मदाह करेंगे।
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