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उदयपुर में लेपर्ड से ग्रामीणों का आमना-सामना हो गया। बुधवार सुबह खेत में पानी देने पहुंचे 4 ग्रामीणों के सामने अचानक लेपर्ड आ धमका और गुर्राते हुए उनकी तरफ बढ़ने लगा। सबने मिलकर शोर मचाया तो लेपर्ड झाड़ियों में भाग निकला। इससे 2 दिन पहले सोमवार को इसी खेत के पास ग्रामीणों को देर रात टॉर्च की रोशनी में लेपर्ड नजर आ गया। बड़ा सा लेपर्ड और उसकी चमकीली आंखें देख ग्रामीण जान बचा कर वहां से भागे और 2 दिन तक खेत पर ही नहीं गए।

लेपर्ड की साइटिंग उदयपुर के सलूंबर के सराड़ी गांव में हुई है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना भाजपा जिला उपाध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी को दी। जोशी ने इस मामले में सलूंबर जिला कलेक्टर जेएस संधू और वन विभाग के अधिकारी लोकेंद्र सिंह से बात कर पिंजरा लगाने की मांग की।

35 फीट दूरी पर था लेपर्ड

आज सुबह करीब 7.30 बजे सराड़ी के पास लेपर्ड के पास खेत में काम कर रहे भैरा गायरी, बाबर गायरी, रूपा सालवी, किशन सालवी, देवा तवेड ने देखा। सराड़ी में कालीमगरी, गामरा कुआं पर खेती करने वाले झमकलाल ने बताया- सुबह के समय बिजली की आपूर्ति होने से खेतों में पानी देने जाना पड़ता है। आज सुबह 7:30 बजे भैरा गायरी, बाबर गायरी, रूपा सालवी, किशन सालवी, देवा तवेड उनके खेत की दीवार के पास बैठे थे। इसी दौरान पत्तों की सरसराहट हुई और एक लेपर्ड दीवार कूदकर खेत में घुसता नजर आया। वह उन 5 लोगों से करीब 35 फीट दूरी पर था। देखने में बड़ा भयानक लग रहा था। गुर्राहट भी साफ सुनाई दे रही थी। हमने सबने मिलकर कर शोर मचाया तो लेपर्ड तुरंत दीवार कूदकर दोबारा झाड़ियों में भाग गया। हमारी मांग है कि खेतों की तरफ भी पिंजरे लगाए जाएं ताकि लेपर्ड पकड़ में आ सके।

वन-विभाग के पास इस रेंज में एक ही पिंजरा

भाजपा जिला उपाध्यक्ष चंद्रशेखर जोशी ने बताया- वे ग्रामीणों की सूचना पर गांव में गए और अधिकारियों से बात कर पिंजरा लगाने की मांग की। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि लेपर्ड का मूवमेंट बढ़ा हुआ है ऐसे में सावधानी जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी सावचेत करें और अकेले बाहर नहीं निकलने दें।

जोशी ने बताया- वन विभाग के पास इस रेंज में एक ही पिंजरा है जबकि लेपर्ड के मूवमेंट की शिकायतें आसपास के अन्य गांवों से भी आ रही हैं। जोशी ने इस संबंध में सलूंबर विधायक शांता देवी मीणा से बात कर कहा कि करावली वन नाका के लिए एक अलग पिंजरे की व्यवस्था कराई जाए क्योंकि जयसमंद कैचमेंट एरिया मेवल क्षेत्र में लेपर्ड के हमले की शिकायतें ज्यादा आ रही है।

टॉर्च की रोशनी में लेपर्ड को देख भागे ग्रामीण

झमकलाल ने 2 दिन पहले उनके साथ हुई घटना को भी बताया। उन्होंने कहा- सोमवार रात 9 बजे के करीब रूपा और देवा के साथ खेतों पर नील गाय भगाने गए थे। खेत पर पहुंचने से पहले ही टॉर्च की रोशनी के सामने अचानक लेपर्ड आ गया। इसे देख कर हम लोग उल्टे पांव घर की ओर दौड़ पड़े। झमकलाल ने कहा कि खेत में गेहूं और चने की बुवाई कर रखी है और रात के समय नीलगाय से फसलों को नुकसान नहीं हो इसलिए खेत की तरफ रहते हैं। अब रात को जाना बंद कर दिया है

उदयपुर के आसपास सप्ताह भर से लेपर्ड का मूवमेंट

बता दें कि सलूंबर के सराड़ी गांव में भी पिछले 1 सप्ताह से लेपर्ड का मूवमेंट होने से लोग डरे हुए हैं। यहां के जूना मिनवाड़ा में शनिवार को लेपर्ड ने ग्रामीण धनाभाई मीणा के बाड़े में भैंस के बछड़े पर हमला किया। आवाज सुनाई देने पर परिवार वाले जाग गए, जिसके बाद लेपर्ड भाग गया। वहीं काली मगरी के पास भी झमक मीणा और रूपा सालवी को खेत में काम करते वक्त लेपर्ड नजर आया था। जिसके बाद वे वहां से जान बचाकर भागे थे। वन विभाग के अधिकारी लोकेन्द्र सिंह सूचना पर मौके पर पहुंचे थे और पगमार्क के आधार पर लेपर्ड होने की पुष्टि हुई थी।

18 अक्टूबर को हुआ था लेपर्ड का शूट आउट

बता दें कि उदयपुर में 18 अक्टूबर की सुबह वन विभाग और पुलिस टीम ने एक लेपर्ड को गोली मार दी थी। लेपर्ड को शहर के उदयपुर शहर के नजदीक मदार इलाके में गोली मारी गई थी। हालांकि, वन विभाग ने इसके आदमखोर लेपर्ड होने की पुष्टि नहीं की थी। जंगल में सर्च के दौरान पुलिस टीम पर लेपर्ड ने हमला किया था। इस दौरान उसे 4 गोली मारकर ढेर किया गया। इसी इलाके में दो दिन पहले 2 महिलाओं पर लेपर्ड अटैक हुआ था। इसमें एक की मौत हो गई थी।

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