जयपुर

राजस्थान में पहाड़ बचाने के लिए बनेगी नई हिल पॉलिसी:बेसमेंट-पार्किंग नहीं बना सकेंगे; 15 डिग्री से ऊंचे पहाड़ों पर कोई निर्माण नहीं होगा

राजस्थान में पहाड़ों को बचाने के लिए सरकार नई हिल पॉलिसी बनाने जा रही है। इस पॉलिसी के तहत प्रदेश में 15 ​डिग्री से ऊंचे पहाड़ों पर कोई निर्माण नहीं होगा। इतना ही नहीं पहाड़ की ऊंचाई नापने के लिए भी मनमर्जी नहीं चलेगी। इनकी ऊंचाई नापने के लिए इसरो का कार्टोसैट डेटा फॉर्मूला अपनाया जाएगा।

हालांकि इन नियमों में बदलाव और सख्ती करने के लिए सरकार ने 20 दिसंबर तक जनता से सुझाव मांगा है। यह पॉलिसी माउंट आबू इको सेंसेटिव जोन को छोड़कर पूरे प्रदेश के शहरी क्षेत्र में लागू होगी।

15 डिग्री के ऊपर वाले पहाड़ों पर ​कंस्ट्रक्शन नहीं कर पाएंगे नई हिल पॉलिसी के तहत अब मास्टर प्लान के अनुसार 8 डिग्री और 8 से 15 डिग्री तक के पहाड़ों पर फार्म हाउस और रिसोर्ट के लिए मंजूरी मिल जाएगी। लेकिन, 15 डिग्री के ऊपर वाले पहाड़ों पर ​कंस्ट्रक्शन बैन रहेगा। जिन पहाड़ों पर नक्षत्रकाश होगा, उसमें पार्किंग निर्माण ऊपर की तरफ नहीं होकर नीचे होगा।

यूडीएच के प्रिंसिपल सेक्रेटरी वैभव गालरिया ने बताया- प्रदेश की जनता से 20 दिसंबर तक नई पॉलिसी के लिए सुझाव मांगे हैं, जो ई मेल के जरिए भेज सकते हैं।

उदयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त राहुल जैन ने बताया- उदयपुर का अरावली क्षेत्र संरक्षित करने के लिए भी यह नई पॉलिसी कारगर साबित होगी। उदयपुरवासी भी अपने सुझाव जरूर दें, ताकि इन पहाड़ियों के संरक्षण के लिए बड़ा काम किया जा सके।

अभी रास्ते से नापते पहाड़ी, अब नया तरीका दरअसल, पहाड़ों को लेकर जो स्वीकृतियां दी जाती है, उसमें पहाड़ी का नाप उस तक जाने वाले रास्ते के नीचे से लिया जा रहा है। इसमें बदमाशी ऐसी होती है कि पहाड़ी ऊंची होने के बाद भी रास्ते से नाप होने के कारण स्वीकृति लेकर निर्माण कर दिए जाते हैं।

इस गली को खत्म करने के लिए अब नई पॉलिसी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कार्टोसैट डेटा से नाप लिया जाएगा। ये भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है, जो इन-ऑर्बिट स्टीरियो इमेज प्रदान करता है। नियम बनने के बाद 6 महीने की अवधि में संबंधित निकाय State Remote Sensing Agency/ Survery of India या अन्य समकक्ष तकनीकी संस्था के सहयोग से पहाड़ी क्षेत्रों की तीनों श्रेणियों का निर्धारण करेंगे। क्षेत्र का निर्धारण जी.आई. एस. सॉफ्टवेयर आधारित डिजीटल एलिवेशन मॉडल डेटा के माध्यम से करना होगा, ताकि कोई गलती न रहे।

पुरानी पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी प्रदेश में नगरीय क्षेत्र में स्थित पहाड़ों के संरक्षण के लिए पहाड़ी संरक्षण विनियम-2018 बनी हुई थी, जिस पर पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी समितियों ने आपत्ति जताई थी। इस पर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में डीबी सिविल रिट याचिका लगी, जिसका आदेश 24 अगस्त 2023 और 9 मई 2024 को पारित हुआ। इसके संबंध में यूडीएच ने पहाड़ी संरक्षण विनियम-2018 में संशोधन के लिए कमेटी गठित कराई। कमेटी की अनुशंसा के अनुसार पहाड़ संरक्षण विनियम-2024 प्रारूप तैयार किया गया है।

आप यहां दे सकते हैं सुझाव इस संबंध में आप भी 20 दिसंबर तक अपने सुझाव ड्राफ्ट को पढ़कर दे सकते हैं। आप अपने सुझाव मुख्य नगर नियोजक के मेल आईडी ctp-rj@gov.in पर भेज सकते हैं। यह विनियम माउंट आबू इको सेंसेटिव जोन के अधिसूचित क्षेत्र को छोड़कर राज्य के अधिघोषित नगरीय क्षेत्रों में प्रभावशाली होगा।

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