बाड़मेर जिले के प्रतिबंधित एरिया में 17 साल बाद फिर से बॉर्डर की जमीनें बाहरी लोगों को बेच दी गईं। बॉर्डर की जमीनें बिकवाने का ये खेल रामसर एसडीएम अनिल जैन ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर किया। 10 माह के रिकॉर्ड के मुताबिक हरसाणी उप पंजीयक के क्षेत्र में 7 सोलर कंपनियों ने 5735.4 बीघा जमीन खरीदी। इसमें से अकेले एसडीएम व उनके परिजन ने 2350.49 बीघा जमीन की रजिस्ट्री दो सोलर कंपनियों के नाम से करवाई।रामसर एसडीएम जैन ने अपना गृह क्षेत्र गडरा रोड होते हुए भी राजनीतिक रसूख के दम पर वहां के एसडीएम का अतिरिक्त चार्ज लेकर जमीनों की खरीद-फरोख्त करवाई। एसडीएम के पैतृक गांव बालेवा और इसके आसपास चारणों की ढाणी सहित कई गांवों की जमीनें किसानों से ओने पौने-दामों पर खरीदी गईं।ये जमीनें एसडीएम के भाई कपिलचंद जैन, पिता टीकमचंद और मां अणसी के नाम से पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिये 10 से 40 हजार रुपए प्रति बीघा में ली गईं, जिसे बाद में 1 लाख रुपए प्रति बीघा से ज्यादा की दर से सोलर कंपनियों को बेच दिया गया। किसानों से अधिकांश जमीनें अपने वाद सुलझाने, बंटवारा करने या कोर्ट में विवाद फैसला करने के नाम पर ली गई। ये परमिशन भी एसडीएम 7 दिन की दे सकता है। रामसर एसडीएम जैन ने गडरा रोड एसडीएम का अतिरिक्त चार्ज रहते सोलर कंपनी के दो व्यक्तियों को नियम विरुद्ध 6 माह के लिए गडरा रोड व गिराब पुलिस थाने के प्रतिबंधित एरिया में आने-जाने की अनुमति दे दी।
- सितंबर और अक्टूबर में हरसाणी उप पंजीयक ऑफिस में 800 से ज्यादा बीघा की रजिस्ट्री एसडीएम के परिजन ने करवाई।} सोलर कंपनियों से रजिस्ट्री करवाकर डीएलसी रेट से जमीन की राशि कपिल, अणसी व टीकमचंद के खातों में पहुंची। जमीन के मालिक से कितने में खरीदी इसका उल्लेख नहीं।
- डीएलसी के अलावा ब्लैक मनी का बड़ा ट्रांजेक्शन किया गया। मोटा मुनाफा कमाने पावर ऑफ अटॉर्नी परिजनों के नाम ले भूमि बेची। इसे उप पंजीयक में रजिस्टर्ड नहीं कराया, सिर्फ नोटरी करवाई। सीधे सोलर कंपनी प्रतिनिधि के नाम रजिस्ट्री करवाई। इससे स्टांप ड्यूटी की चोरी हुई।
- SDM अनिल जैन बालेवा गांव निवासी, वहां की वोटर लिस्ट में अब भी नाम। डीओपी में मूल निवासी जोधपुर बताया। इस आधार पर अपने मूल जिले बाड़मेर के रामसर SDM की दूसरी बार पोस्टिंग करवाई। 1 मार्च को गडरा रोड SDM का अतिरिक्त चार्ज भी लिया, यहीं उनका गांव बालेवा है। फिर जमीनों का खेल किया।
- सीलिंग एक्ट 1955 व 1973 के अनुसार एक व्यक्ति अधिकतम 437 बीघा जमीन ही खरीद सकता है, लेकिन एसडीएम के भाई कपिल, मां अणसी के नाम 1500 बीघा से ज्यादा जमीन पावर ऑफ अटॉर्नी से खरीदी गई। सीधे सीलिंग एक्ट का उल्लंघन।
पीड़ितों तक पहुंचा भास्कर तो बोले- जमीन के लिए धमकाया, ट्रांसफर तक करवाए केस 1: बिना नोटिस दिए एक माह में एक तरफा फैसला गडरा रोड तहसील के कुबड़िया गांव के भूरसिंह व भीमसिंह की 300 बीघा जमीन पर फर्जी बहन बनकर पेश किए गए दांवे पर एक माह में एक तरफा फैसला कर दिया। दोनों बुजुर्गों ने बताया कि ताज कंवर नाम से उनकी कोई बहन ही नहीं है, फिर भी एसडीएम जैन वाद स्वीकार किया और पंचायत समत पांच जनों को पार्टी बनाया। हमें दो नोटिस ही नहीं मिले, हमारा पक्ष जाने बिना ही एसडीएम ने 23 जुलाई 24 को एक तरफा फैसला कर दिया, इसके बाद तीसरा नोटिस मिला। तब पता चला कि हमारे के खिलाफ फैसला हुआ। एसडीएम साहब और उनके परिचित मिठडाऊ वाले जमीन हड़पना चाहते है। बाद में आरएए से स्टे मिला। केस 2 : जमीन नहीं दी तो शिक्षक को मुनाबाव भेजा बालेवा गांव के एक शिक्षक की जमीन लेने के लिए एसडीएम ने उन पर दबाव बनाया। जमीन नहीं दी तो एक महिला से शिक्षक के खिलाफ झूठी शिकायत करवाई। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को निर्देश देकर उस शिक्षक को डेपूटेशन पर मुनाबाव भिजवा दिया गया। भास्कर ने शिक्षक से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा कि बड़े साहब हैं, उनके खिलाफ नहीं बोलना चाहता हूं।
यहां आने तक के लिए अनुमति जरूरी
बाड़मेर के रामसर, सेड़वा, गडरा रोड, चौहटन, गिराब, बीजराड़, बाखासर थाने बॉर्डर से सटे होने के कारण प्रतिबंधित हैं। इन थाना क्षेत्रों की जमीन खरीदने या बेचने के लिए दांडिक विधि संशोधन अधिनियम 1961 की धारा 3 (3)(6) के तहत प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर के व्यक्ति को संबंधित एसडीएम से अनुमति लेनी जरूरी है। अनुमति जारी करने से पहले एसडीएम संबंधित थाना से आवेदक का वेरिफिकेशन करवाएगा कि वह बताए गए पते का निवासी है। अनुमति मिलने के बाद संबंधित थाना क्षेत्र में आमद करवानी पड़ती है। उसके बाद वह अपना कार्य करता है। वहीं दांडिक विधि संशोधन अधिनियम में जमीन खरीदने-बेचने के अलावा किसी भी प्रकार के सरकारी कार्य में हस्ताक्षर करने, उक्त क्षेत्र में आवागमन तक के लिए भी बाहरी व्यक्ति को अनुमति जरूरी है।
रामसरऑफिस बंद होने के बाद रजिस्ट्री, आपत्ति की तो उप पंजीयक का चार्ज हटवा दिया
सभी रजिस्ट्री रात में 8 बजे बाद करवाई गईं और सभी रजिस्ट्री में एसडीएम के भाई कपिल ने बतौर गवाह हस्ताक्षर किए। यहां पर उप पंजीयक का चार्ज आरआई ओमप्रकाश के पास था। जब उन्होंने रात में रजिस्ट्री करने पर आपत्ति जताई तो बाड़मेर कलेक्टर को पत्र लिखकर चार्ज हटवा दिया।
एसडीएम बोले- मेरे परिवार का कारोबार है
जमीन की खरीद-फरोख्त हुई होगी या उन्होंने जमीन ली होगी, ये उनका व्यापार है। मेरे पिताजी चालीस साल से ये काम करते हैं। सीलिंग एक्ट से ज्यादा जमीन ली तो उसे बेच दी। अब उनके पास कहां है जमीन। मेरे नाम से तो रजिस्ट्री हुई हो तो बताओ। वैसे कुछ भी गलत नहीं हुआ है। -अनिल जैन, एसडीएम, रामसर सीएमओ के आदेश पर प्रकरण की जांच बॉर्डर से सटे प्रतिबंधित एरिया में बाहरी लोगों को जमीन की खरीद फरोख्त की एसडीएम रामसर के खिलाफ शिकायत मिली है। सीएमओ के आदेश पर इसकी जांच कर रहे हैं। -टीना डाबी, कलेक्टर, बाड़मेर