झुंझुनू

नाल काटकर पेट में छोड़ा बच्चा,डॉक्टर बोली-कहीं और ले जाओ:पीड़ित बोले- 500 ग्राम रुई निकली, जुड़वां बच्चे थे; डॉक्टर-नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ शिकायत

झुंझुनूं में जिला हॉस्पिटल में प्रसूता के इलाज में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। जिले के भगवान दास खेतान हॉस्पिटल (BDK) की एमसीएच विंग में डॉक्टर पर जुड़वां बच्चों की डिलीवरी के दौरान प्रसूता का ऑपरेशन बीच में छोड़ने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित परिवार ने कोतवाली थाने में शिकायत दी है।

प्रसूता के जेठ सहदेव पुत्र झाबरमल सैनी ने बताया- हम मोती सिंह की ढाणी निवासी छोटे भाई गोविंद की गर्भवती पत्नी अनिता देवी को लेकर 13 दिसंबर की रात 8.30 बजे BDK हॉस्पिटल पहुंचे थे। रात 1 बजे डॉ. सोनिया ने अनिता की डिलीवरी कराई। उसे जुड़वां बच्चे हुए थे। एक बच्चे की डिलीवरी नॉर्मल हो गई थी।

BDK हॉस्पिटल की डॉ. सोनिया ने कहा- मामले को लेकर पीएमओ राजवीर ही जानकारी दे पाएंगे। इधर, पीएमओ राजवीर ने कहा है कि परिजनों की ओर से लगाए गए आरोप झूठे हैं।

आस्था हॉस्पिटल (झुंझुनूं) में भर्ती प्रसूता अनिता।

दूसरे बच्चे की डिलीवरी के वक्त डॉक्टर सोनिया ने बच्चे की नाल काटने के बाद ऑपरेशन को बीच में ही छोड़ दिया। डॉक्टर बोली- अब हमारे वश की बात नहीं है। जल्दी से बच्चे और अनिता को दूसरे अस्पताल ले जाओ वरना जान नहीं बचेगी। अनिता को ब्लीडिंग हो रही थी। इसके बावजूद डॉक्टर सोनिया ने आगे ऑपरेशन करने से इनकार कर दिया। कहा- प्रसूता पांच-दस मिनट में खत्म होने वाली है।

हमने उनसे मिन्नतें की लेकिन स्टाफ और डॉक्टर ने हमें धक्के मारकर निकाल दिया। हमें किसी भी तरह का दस्तावेज नहीं दिया गया। न एडमिट फार्म, द प्रसूता के दस्तावेज और न दवा पर्ची। हम प्रसव वार्ड से सीधे सड़क पर आ गए। प्रसूता को न बेड मिला न कहीं पहुंचाने के लिए साधन दिया।

इसके बाद हम प्रसूता तो आस्था हॉस्पिटल ले गए। वहां हमसे बीडीके हॉस्पिटल के दस्तावेज मांगे लेकिन हमारे पास कागज नहीं थे। हमने कागज के लिए हॉस्पिटल के 4-5 चक्कर काटे। आस्था हॉस्पिटल की डॉक्टर ने बताया कि बच्चेदानी में 500 ग्राम रुई ठूंस रखी थी। आस्था हॉस्पिटल में मृत बच्चा पैदा हुआ।

PMO बोले- बच्चे में धड़कन नहीं थी, आरोप झूठे हैं

इस मामले में बीडीके अस्पताल पीएमओ राजवीर राव से बात की तो उन्होंने कहा- एक बच्चे में धड़कन नहीं थी। जो बच्चा जीवित था वह पहले डिलीवर हो गया था। जिस बच्चे में धड़कन नहीं थी, वह नीचे नहीं आया। इसलिए ड्यूटी डॉक्टर ने कहा कि थोड़ा इंतजार करते हैं। अपने आप बाहर आएगा। परिजनों ने इंतजार नहीं किया। उन्होंने कहा कि हम दूसरी जगह ले जाना चाहते हैं। उन्होंने खुद लिखकर दिया है। इसके बाद रेफर किया गया है। सभी आरोप झूठे है। थोड़ा इंतजार करते तो बीडीके अस्पताल में ही दूसरा बच्चा डिलीवर हो जाता।

पुलिस बोली- परिवाद मिला, जांच कर रहे हैं

कोतवाली थाना इंचार्ज पवन कुमार चौबे ने बताया- थाने में इलाज में लापरवाही का परिवाद दायर किया गया है। इसमें डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। शिकायत की जांच कर रहे हैं।

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