शीतकालीन सत्र के 16 वें दिन सोमवार को राज्यसभा में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा की शुरुआत हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चर्चा की शुरुआत की। विपक्ष की ओर से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जु खड़गे चर्चा की शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चर्चा में हिस्सा लेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने संसद के दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर संविधान पर चर्चा कराने की मांग की थी। लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर विशेष चर्चा हो चुकी है। PM मोदी ने शनिवार को चर्चा के दौरान लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा में भाग लिया था। इस दौरान उन्होंने सदन में 11 संकल्प रखे थे।
वहीं, लोकसभा में सोमवार को एक देश-एक चुनाव को लेकर बिल पेश नहीं हुआ। लोकसभा की संशोधित लिस्ट ऑफ बिजनेस (कार्यसूची) से रविवार को इसे हटा दिया गया था। इससे पहले 13 दिसंबर की जारी लिस्ट में एक देश-एक चुनाव से जुड़े दो बिल पेश किए जाने की सूचना थी। अब यह बिल मंगलवार को पेश किया जा सकता है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘आज राज्यसभा में संविधान पर चर्चा होगी। वर्तमान सरकार भारत के संविधान के खिलाफ काम कर रही है। न्यायपालिका, संसद और भारत के चुनाव आयोग, जिन्हें संविधान का संरक्षक होना चाहिए। उनकी भूमिका राष्ट्र के हित में नहीं है। अगर सरकार लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीतती, तो लोकसभा में चर्चा का विषय “संविधान को बदलना क्यों आवश्यक है” होता। जिस देश में न्यायपालिका और भारत का चुनाव आयोग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी के दबाव में काम कर रहा हो, वहां संविधान खतरे में है।’
आज राज्यसभा में संविधान पर होने वाली बहस पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, संविधान के सभी सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा होगी। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो सपना देखा था, उसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हकीकत में बदला। जिस तरह से संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, जिस तरह से दलितों, पिछड़ों पर अत्याचार हो रहा है, उन्हें संविधान द्वारा दिए गए उनके अधिकार नहीं मिल रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर विशेष चर्चा में भाग लिया। चर्चा के दौरान उन्होंने कांग्रेस को संविधान का शिकार करने वाली पार्टी बताया।
1 घंटे 49 मिनट के अपने भाषण में PM ने कहा कि संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि वह समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही। संविधान की आत्मा को लहूलुहान करती रही। करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया।
उन्होंने कहा कि इतिहास कह रहा है कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक सभी ने संविधान का दुरुपयोग किया। इनकी नई पीढ़ी भी उसी रास्ते पर है। कांग्रेस के माथे पर जो पाप है, वो कभी भी धुलने वाला नहीं है।