दुष्कर्म के आरोप में जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन सजा काट रहा आसाराम दूसरी बार इलाज के लिए महाराष्ट्र के माधवबाग जा रहा है। वह आज मुंबई की फ्लाइट से रवाना हुआ।
हालांकि आसाराम की ओर से हाईकोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर अनुरोध किया गया था कि वह यात्रा के लिए असहज है, इसलिए उसे 2 सप्ताह की मोहलत दी जाए। इस पर फैसले से पहले ही आसाराम ने माधवबाग के लिए निकल गया।
बता दे कि आसाराम जोधपुर के निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना इलाज करवा रहा था। उसे एक माह की पैरोल दी गई थी। इस पैरोल का समय पूरा होने से पहले पैरोल की अवधि बढ़ाने की एप्लिकेशन आसाराम की ओर से उसके वकील ने लगाई थी। इस पर आसाराम को 17 दिन का एक्सटेंशन मिला था। जिसमें 2 दिन पुणे पहुंचने और 15 दिन इलाज के लिए मिले थे। इधर डॉक्टर ने आसाराम को ट्रेवलिंग कंडीशन के लिए फिट नहीं बताया तो आसाराम की ओर से उनके वकील ने 2 सप्ताह देरी से पुणे जाने का समय मांगा। इस एप्लिकेशन का फैसला आता उससे पहले ही आसाराम आज पुणे के लिए रवाना हो गया।
आसाराम के वकील आर एस सलूजा ने बताया कि 2 सप्ताह बाद पुणे जाने के लिए एप्लिकेशन लगाई थी उसकी सुनवाई का नंबर नहीं आया, पिछले आदेश के तहत आसाराम आज पुणे के लिए रवाना हुए।
पैरोल सिर्फ इलाज के लिए आसाराम की सेहत के मद्देनजर अगस्त में राजस्थान उच्च न्यायालय ने पुणे के माधवबाग में इलाज के लिए 30 दिन की पैरोल दी थी, लेकिन उस पर कई तरह की पाबंंदियां भी थी।
यह पैरोल विशुद्ध रूप से इलाज के लिए थी। वहां से इलाज करवाने के बाद आसाराम जांच के लिए जोधपुर एम्स भी जाता रहा। वहींए पिछले कुछ दिनों से जोधपुर के निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में भी इलाज चल रहा था।
बीते दिनों आसाराम को हाईकोर्ट से फिर 15 दिन माधवबाग में रहकर इलाज करवाने की अनुमति दी गई। इसके साथ 2 दिन यात्रा के लिए भी अलग से दिए गए है।
कोर्ट से मांगा था समय आसाराम के वकील ने राजस्थान हाईकोर्ट में पुणे जाने के लिए 2 सप्ताह का समय देने की मांग की हुई है।
जेल में हर दिन मेरे स्वास्थ्य और सम्मान को नष्ट कर रहा है इधर गुजरात केस में आसाराम की सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला जनवरी तक के लिए टाल दिया है। आसाराम के वकीलों ने सर्वोच्च न्यायालय से चिकित्सा आधार और दोष सिद्धि के गुण.दोष के आधार पर मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपनी जांच केवल याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति तक ही सीमित रखी।
आसाराम राजस्थान व गुजरात हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक बिगड़ते स्वास्थ्य की दुहाई दे रहा है। उसके अधिवक्ताओं ने इस बात पर जोर डाला कि हिरासत में उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ चुका है और उनकी कमजोर हालत के कारण उनके जीवन को खतरा है।
आसाराम ने याचिका में कहा है कि जेल में बीतता प्रत्येक दिन मेरे स्वास्थ्य और सम्मान को नष्ट कर रहा है। उसका तर्क है कि वह पहले ही 11 साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है और हो सकता है कि अपनी लंबित अपील की सुनवाई तक जीवित न रह पाएं।
13 अगस्त को मिली थी पहली पैरोल
सबसे पहले 13 अगस्त को आसाराम को पहली पैरोल मिली थी, वह 7 दिन की थी और उसने महाराष्ट्र के माधव बाग में आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करवाया था। 7 नवंबर को दूसरी पैरोल मिली जो 30 दिन की थी, इसमें आसाराम को जोधपुर स्थित निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में ही इलाज की अनुमति दी गई थी। यह पैरोल पूरी होने से पहले आसाराम ने फिर से एप्लीकेशन लगाई और इलाज के लिए समय मांगा। इस पर हाईकोर्ट ने 17 दिन की पैरोल के मंजूरी दी और जोधपुर में निजी अस्पताल में इलाज के लिए 5 दिन का एक्सटेंशन दिया और उसके बाद 17 दिन की पैरोल मंजूर की गई। जिसमें 2 दिन पुणे पहुंचने के और 15 दिन इलाज के दिए गए। आसाराम 2 सप्ताह और जोधपुर के आयुर्वेदिक अस्पताल में अपना इलाज करवाना चाह रहा था और उसके बाद पुणे जाना चाह रहा था। इसको लेकर उसने एक और एप्लीकेशन तैयार करवाई थी, लेकिन इसकी सुनवाई से पहले ही आसाराम पुणे के लिए आज निकलने वाला है। आसाराम को अब तक जो भी पैरोल मिली हैए वह सिर्फ इलाज के लिए है वह सिर्फ अस्पताल में इलाज करवा सकता है और वह भी पुलिस देखरेख में।