बीकानेर

‘बीजेपी नेताओं की अवैध खानों के लिए सड़कें मंजूर कीं’:​​​​​​​डोटासरा बोले- सीएम सरकार के एक साल पर हमसे अल्बर्ट हॉल पर खुली बहस करें

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी सरकार के एक साल के कार्यकाल को विफल बताया। उन्होंने सरकार में माफिया राज हावी होने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। डोटासरा ने सीएम को एक साल के कामकाज पर जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर खुली बहस का चैलेंज दिया है।

डोटासरा ने कहा- भाजपा विधायकों के अवैध खनन को फायदा पहुंचाने के लिए सड़कें मंजूर करवाई। हद तो तब हो गई, जब भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए जनप्रतिनिधि माफिया के साथ मिल गए। विधानसभा जब शुरू होगी तो हम सबूतों के साथ बताएंगे कि बीजेपी नेताओं के अवैध बजरी खनन के लिए सड़कें स्वीकृत की गईं। यह इसलिए किया ताकि भाजपा विधायकों की मिलीभगत से अवैध बजरी खनन कर सकें, अवैध तरीके से पैसा कमा सकें। डोटासरा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

वे बोले- सरकार ने एक साल में जनता के लिए कुछ किया नहीं है। मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव देता हूं, सीएम सरकार के एक साल के कामकाज पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली या मेरे साथ अल्बर्ट हॉल पर मीडिया के सामने खुली बहस करें। जनता दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी। सीएम अपनी सफलताएं बता दें और हम उनकी विफलताएं बता देंगे।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई मीडिया ब्रीफिंग में मौजूद कांग्रेस के पदाधिकारी।

हम पर आरोप लगाते थे, आज मुख्यमंत्री के वित्त मंत्री और उद्योग मंत्री से कैसे संबंध हैं? डोटासरा ने कहा- मुख्यमंत्री तो दिल्ली अप डाउन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को एक हेलिकॉप्टर तो दिल्ली से अप-डाउन करने के लिए ही किराए पर ले लेना चाहिए क्योंकि लगभग रोज ही अप डाउन करना पड़ता है। इनको तो पर्ची दिल्ली से लेकर आनी पड़ती है। सारी पर्चियां वहीं से आ रही हैं। ये हम पर आरोप लगाते थे। आज किरोड़ी के सीएम से कैसे संबंध हैं, वित्त मंत्री से आपके कैसे संबंध हैं, आपके उद्योग मंत्री से मुख्यमंत्री के कैसे संबंध हैं। मंत्रियों के विधायकों से कैसे संबंध हैं, विधायकों के जनता से कैसे संबंध हैं?

सीएम के ओएसडी ने जातिगत आधार पर रैली में बुलाने के लिए लेटर लिखा

डोटासरा ने कहा- सरकार ही अगर जातीय हिसाब से बांटने लग जाए तो क्या कहा जाए? मुख्यमंत्री के ओएसडी विप्र बंधुओं को चिट्ठी लिख रहे हैं और पीएम की रैली में जाति के आधार पर आने की अपील कर रहे हैं। छत्तीस कौम के लाेग एक है, हम साथ रहते हैं। आप एक वर्ग विशेष को सीएम से जोड़कर क्या साबित करना चाहते हो। आप सरकारी पद पर बैठकर इस तरह की जातिगत बातें फैलाकर क्या कहना चाहते हो? यह मुख्यमंत्री की अनुभवहीनता, उनकी कमजोर पकड़ और अनुभवहीन सलाहकारों का नतीजा है। रिश्तेदार है तो घर में रिश्तेदारी निभाएं, मुख्यमंत्री कार्यालय बैठक इस तरह के मैसेज देंगे क्या ? इससे मैसेज ठीक नहीं जा रहा।

साल भर से ठप पड़े हैं काम, कांग्रेस राज के 800 कामों की समीक्षा की घोषणा की एक सल में एक की समीक्षा नहीं की डोटासरा ने कहा- सरकार की पहली विफलता यह है कि इन्होंने कांग्रेस सरकार के 800 कामों की समीक्षा करने की घोषणा की थी, आज तक एक भी काम की समीक्षा नहीं हुई है। इन्होंने सर्कुलर निकालकर पिछली सरकार के समय के सारे टेंडर और कामों को होल्ड पर रखा था वह आज तक अटके पड़े हुए हैं वो एक भी काम शुरू नहीं किया। बीजेपी ने हमारे राज में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे लेकिन आज कानून व्यवस्था छिन्न भिन्न हैं। कोई पूछने वाला नहीं है, बच्चियों से रेप हो रहे हैं, एससी एसटी पर अत्याचार हो रहे है।

ईआरसीपी के लिए केंद्रीय बजट में कितना पैसा दिया? सीएम बताएं यमुना का पानी लाने की डीपीआर कहां है? डोटासरा ने कहा- ईआरसीपी में जो 80% बांध बन गए उनका प्रधानमंत्री से शिलान्यास करवाया। जिस ईआरसीपी का प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया है उसके लिए आपने केंद्रीय बजट में कितना पैसा स्वीकृत किया और कितना बजट अलॉट किया और कल कितने बजट की यहां घोषणा करके गए।

एक रुपया भी बजट घोषित नहीं किया। यमुना जल को लेकर मुख्यमंत्री खुद की पीठ थपथपा रहे थे, विधानसभा में कहा था 4 महीने में डीपीआर बनाकर पाइप डालना शुरू कर देंगे, हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर ली थी। मुख्यमंत्री जी बताएं डीपीआर कहां है?बीजेपी में हिम्मत है तो पूरे समय मौजूदा शिक्षा मंत्री को ही रखना,शिक्षा मंत्री से पूछते हैं तो कहते हैं अब आने वाला शिक्षा मंत्री बताएगा डोटासरा ने कहा- शिक्षा मंत्री मदन दिलवर के तो कहने ही क्या? बीजेपी से कहूंगा कि शिक्षा मंत्री पूरे समय इनको ही रहना रखना। अगर बीजेपी इस शिक्षा मंत्री के रहते सरकार में आ जाए तो मैं मीडिया के सामने कान पकड़ लूंगा । शिक्षा मंत्री ने यू टर्न पर यू टर्न लिए हैं। पहले इंग्लिश स्कूलों को बंद करने की बात कही, आरएसएस इन स्कूलों के पीछे पड़ा हुआ है। शिक्षा मंत्री से कोई सवाल पूछते है तो कहते है कि आने वाला शिक्षा मंत्री बताएगा।

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