खेत में पतंग के पीछे दौड़ रहे बच्चों के पैरों के नीचे कट्टे में रखे पटाखे आ गए। इससे धमाका हुआ और बच्चे 4 फीट उछल कर गिर पड़े। साथियों ने फौरन घर जाकर परिजन को बताया। परिजन ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवाया। इसके बाद गंभीर घायल 2 बच्चों को अलवर रेफर कर दिया गया।
मामला भिवाड़ी के चौपानकी थाना क्षेत्र का बुधवार दोपहर 2 बजे का है। इसके बाद देर रात बच्चों को अलवर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनका इलाज जारी है।
चौपानकी थाना SHO नत्थूलाल ने बताया कि फिलहाल पुलिस को इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा। मौके पर भी गए जहां जांच की तो मालूम चला कि यह बच्चों के फोड़ने वाले पटाखों से भरा कट्टा था। इसमें धागे को खींचने पर इसमें आवाज आती है। संभवतया बड़ी मात्रा में होने के कारण विस्फोट हुआ है।
जैसे ही पैर पड़ा धमाका हुआ
हादसे में 2 बच्चे घायल हुए हैं। इसमें रोशन (10) पुत्र राजकुमार दास निवासी मुजफ्फरनगर (बिहार) और दीपक (10) पुत्र विक्रम निवासी चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) है। दीपक की मां सुनीता ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। सुनीता ने बताया- बुधवार दोपहर टपूकड़ा स्थित कॉलोनी से 2 किलोमीटर दूर दीपक और रोशन अपने दोस्तों के साथ पतंग उड़ाने गए थे। अचानक पतंग कट जाने पर दोनों पतंग के पीछे दौड़े। तभी अचानक खेत में विस्फोटक पर दोनों का पैर पड़ गया। इसके तुरंत बाद धमाका हुआ और दोनों गिर पड़े। धमाका इतना तेज था कि दोनों 4 फीट तक उछले।
देर रात अलवर रेफर किया
सुनीता ने बताया- हादसे में दोनों के हाथ-पैर झुलस गए, और मुंह पर भी सूजन आ गई। इसके बाद साथ खेल रहे बच्चों ने इसकी सूचना हमें दी। मौके पर पहुंचे तो बच्चे घायल अवस्था में थे और कराह रहे थे। इसके बाद दोनों को टपूकड़ा के अस्पताल लेकर आए। यहां से देर रात दोनों को अलवर के जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बच्चे बोले- देखना-सुनना बंद हो गया था
सुनीता ने बताया कि जब उसने बच्चों से हादसे के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया था कि दौड़ते हुए अचानक खेत में एक कचरे के ढेर पर पैर पड़ा और धमाका हो गया। जैसे ही धमाका हुआ, दोनों हवा में उछले और नीचे गिर पड़े। धमाके की आवाज से दोनों की आंखों के आगे अंधेरा छा गया था। दोनों को दिखना बंद हो गया था। इसके साथ ही कानों में भी 10-15 मिनट के लिए कोई आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। सुनीता के अनुसार बच्चे ये बताने में असमर्थ हैं कि आखिर विस्फोटक चीज क्या थी। रोशन के पिता नहीं हैं, उसकी मां भी मजदूरी करती है। वहीं दीपक की मां भी मजदूरी कर अपना गुजारा करती है। हालांकि, जांच में यह बच्चों के पटाखे निकले, जो कट्टों में भरे हुए थे।
पटाखों पर पड़ा था बच्चों का पैर
इसके बाद धमाके वाली जगह पर चौपानकी थाना SHO नत्थूलाल पहुंचे। यहां खेत में कट्टे में भरा हुए धागा बम मिले। उन्होंने बताया कि यह धागे जैसे दिखने वाले बम हैं जो टूटने पर फट जाते हैं। वहीं मौके पर मौजूद रवींद्र ने बताया कि इस धमाके की आवाज 100-200 मीटर दूर तक सुनाई दी थी।