Contact Information

सिटी कार्यालय: मोटर मार्केट वार्ड नं. 18, नया 23, सरदारशहर चूरू(राजस्थान),
मुख्य कार्यालय: 42, कॉस्मो कॉलोनी, विनायक रेजीडेंसी, विशाली नगर, जयपुर

We Are Available 24/ 7. Call Now.

मुंबई (महाराष्ट्र) बोट हादसे में नेवी के 4 जवानों सहित 9 सिविलियंस की जान चली गई है। इसमें जयपुर (राजस्थान) ग्रामीण के रहने वाले मार्कोस कमांडो (नेवी) महेंद्र सिंह (34) भी शामिल हैं। शहीद कमांडो की पार्थिव देह आज देर रात तक पहुंचेगी। यहां से उनके पैतृक गांव रेनवाल के जूनसिया ले जाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। मार्कोस भारत के सबसे खतरनाक कमांडो माने जाते हैं।

कल हुए हादसे में गई जान रेनवाल (जयपुर) तहसीलदार कोमल यादव ने बताया- महेंद्र सिंह पुत्र विजय सिंह रेनवाल के जूनसिया गांव के रहने वाले थे। वह दो महीने बाद ही नेवी से रिटायर होने वाले थे। वह नेवी में मार्कोस पेटी ऑफिसर थे। मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया से एलिफेंटा जाते समय 18 दिसंबर की दोपहर करीब 3:55 बजे नीलकमल बोट से नेवी का जहाज टकरा गया था। टक्कर के बाद उनकी बोट समुद्र में डूब गई। हादसे में महेंद्र सिंह सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी।

धोनी को दी थी गन चलाने की ट्रेनिंग महेंद्र सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को गन चलाने की ट्रेनिंग दी थी। महेंद्र सिंह के शहीद होने की सूचना मिलते ही उनके गांव और आसपास के इलाकों में शोक की लहर छा गई।

मुंबई से महेंद्र सिंह की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए जयपुर के रेनवाल गांव के लिए रवाना कर दिया गया है। शुक्रवार को गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

माता-पिता को ले गए थे मुंबई घुमाने महेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे। वे अपने माता-पिता को मुंबई घुमाने के लिए साथ ले गए थे।

महेंद्र सिंह की 2010 में उषा कंवर से शादी हुई थी। उनकी दो बेटी हैं। 10 साल की बड़ी बेटी छठी क्लास में पढ़ती है। छोटी बेटी युगांतिका शेखावत 5 साल की है। वह फर्स्ट क्लास में पढ़ती है।

जिस बोट में हादसा हुआ, उसमें से 101 का रेस्क्यू किया जानकारी के मुताबिक, 80 लोगों की क्षमता वाली नीलकमल बोट में 20 बच्चों समेत करीब 110 यात्री सवार थे। इनमें से 101 का रेस्क्यू कर लिया गया था। मुंबई से एलिफेंटा गुफाओं की ओर जाते समय अरब सागर में बुचर द्वीप के पास नौसेना की गश्ती स्पीड बोट ने नाव को टक्कर मार दी थी। इसकी वजह से बोट में पानी भर गया और वह डूब गई थी।

नेवी ने कहा- कैप्टन स्पीड बोट पर नियंत्रण खो बैठा नौसेना ने X पोस्ट कर बताया कि नौसेना का जहाज इंजन ट्रायल पर था। कैप्टन उस पर से नियंत्रण खो बैठा और जहाज नीलकमल बोट से टकरा गया। चार नेवी हेलिकॉप्टर, 11 नेवी जहाज, एक कोस्ट गार्ड बोट और तीन समुद्री पुलिस बोट रेस्क्यू में जुटे। नेवी और सिविल जहाजों ने लोगों का रेस्क्यू करके हॉस्पिटल तक पहुंचाया। नीलकमल बोट से टकराने वाली स्पीड बोट में नेवी के 6 जवान सवार थे, जिनमें से 4 की मौत हो गई है। इनमें एक नेवी कर्मी और दो OEM (ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) शामिल हैं। एक नौसेना कर्मी गंभीर रूप से घायल है।

नेवी के सबसे तेज-तर्रार जवानों का दस्ता है मार्कोस मरीन कमांडो फोर्स का ही शॉर्ट फॉर्म मार्कोस (MARCOS) है। ये भारतीय नौसेना में शामिल एक शक्तिशाली कमांडो टुकड़ी है। इस टुकड़ी में शामिल होने के लिए सिलेक्शन और ट्रेनिंग काफी टफ होता है। इतना टफ कि नौसेना के केवल 2% जवान ही मार्कोस बनने में सफल हो पाते हैं।

1985 में पहली बार भारतीय नौसेना में एक खास दस्ता बना, जिसका नाम समुद्री विशेष बल (IMSF) रखा गया था। दो साल बाद 1987 में इसी का नाम बदलकर मरीन कमांडो फोर्स यानी MCF कर दिया गया।

नौसेना की वेबसाइट के मुताबिक शुरुआत में इसमें तीन अफसर ही थे। इस समय मार्कोस में 1200 से ज्यादा कमांडो शामिल हैं। इनका आदर्श वाक्य है- ‘द फ्यू द फियरलेस’ यानी बेखौफ या निडर लोग।

मार्कोस जमीन, आसमान और पानी के अंदर की लड़ाई लड़ने में माहिर होते हैं। इस टुकड़ी को मुंबई, विशाखापट्‌टनम, गोवा, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर स्थित नौसैना के मुख्यालय से ऑपरेट किया जाता है।

Share:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *