जयपुर में एलपीजी टैंकर ब्लास्ट के 24 घंटे बाद भी हादसे वाली जगह हालात नहीं बदले हैं। ट्रक-टैंकर अब भी उसी खतरनाक तरीके से यू-टर्न ले रहे हैं और गाड़ियों के टकराने का खतरा बना हुआ है।
शनिवार (21 दिसंबर) सुबह 5.45 बजे दैनिक भास्कर रिपोर्टर रोड सेफ्टी एक्सपर्ट डॉ प्रेरणा अरोड़ा के साथ मौके पर पहुंचे। इसी समय ट्रक की टक्कर से टैंकर में ब्लास्ट हुआ था।
एक्सपर्ट के साथ 35 मिनट तक मौके पर रहे। उन्होंने जो खामियां सामने बताईं वो चौंकाने वाली थीं।
कट की भी जरूरत नहीं थी
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट डॉ. प्रेरणा ने बताया- यहां पर इंजीनियरिंग में भारी कमी है। अगर, समय रहते सुधार नहीं किया गया तो यहां पर और बड़ी घटनाएं हो सकती हैं। हाईवे पर एकाएक कट बनाने की जरूरत नहीं थी। रिंग रोड पर ही कर्व बना कर ट्रैफिक दूसरी ओर निकाला जा सकता था। चौराहे पर हाई मास्क लाइट नहीं लगी हुई है। दूर से पता नहीं चलता है कि आगे चौराहा आने वाला है।
सर्दी के दिनों में विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है। ऐसे में कट पर किसी भी प्रकार के रेडियम, रिफ्लेक्टर, सिग्नल, मार्कर नहीं हैं। बाहरी राज्यों से या दूसरे जिले से आने वाले वाहन चालक इस कट को दूर से देख ही नहीं पाते। इसलिए वह अपनी रफ्तार से इस पर निकलने लगते हैं और टर्न ले रहे वाहनों से टकरा जाते हैं।
ट्रक दोनों तरफ की रोड ब्लॉक कर देता है
वहीं चौराहे पर बनाए गए कट और रोड की चौड़ाई काफी कम है। इस में अगर कोई बड़ा ट्रक जैसे कंटेनर, गैस टैंकर निकल रहा है तो वह दोनों की ओर रोड ब्लॉक कर देता है। संभवतया हादसे की ये वजह हो सकती है। चौराहे के आसपास स्कूल, पेट्रोल पंप हैं उस के बाद भी किसी भी प्रकार का बोर्ड एनएचएआई ने मौके पर नहीं लगाया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार इस कट पर पुलिसकर्मियों भी ड्यूटी रहती है, लेकिन वे केवल वीवीआई लोगों को निकालने का काम करते हैं।