अमेरिका और भारत के बीच मंगलवार को 32 हजार करोड़ की डिफेंस डील फाइनल हो गई है। इसके तहत भारत 31 प्रीडेटर (MQ-9B हंटर किलर) ड्रोन अमेरिका से खरीदेगा। ये अमेरिकी MQ-9 रीपर ड्रोन का ही एक वैरिएंट है।
ये ड्रोन तीनों सेनाओं को दिए जाएंगे। इसके मेंटेनेंस और रिपेयरिंग के लिए देश में ही फैसिलिटी बनाई जाएगी। डिफेंस अफसर ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि दोनों देशों के सीनियर अफसरों ने मंगलवार को डील पर दस्तखत किए गए।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में यह डील फाइनल हुई थी। भारत ने अमेरिका के साथ अमेरिकी चुनाव के एक हफ्ते पहले किया है।
15 ड्रोन नेवी और बाकी आर्मी-एयरफोर्स में बंटेंगे अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स भारत को ये ड्रोन देगी। इन्हें चेन्नई में INS राजानी, पोरबंदर और गुजरात के सरसावा में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा इसे UP के गोरखपुर में भी तैनात किया जाएगा। इंडियन नेवी को 15 सी गार्जियन ड्रोन मिलेंगे। एयरफोर्स और आर्मी को ऐसे 8-8 ड्रोन मिलेंगे।
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सोमालिया, यमन और लीबिया में इस्तेमाल अमेरिका ने ‘वॉर ऑन टेरर’ के दौरान प्रिडेटर और रीपर ड्रोन अफगानिस्तान के साथ ही पाकिस्तान के उत्तरी कबाइली इलाकों में भी तैनात किए थे। अमेरिका के ही ड्रोन इराक, सोमालिया, यमन, लीबिया और सीरिया में भी तैनात हैं। रीपर ड्रोन ही था, जिससे US ने अलकायदा के ओसामा बिन लादेन की निगरानी की थी। जिसके बाद नेवी सील्स ने 2 मई 2011 को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में लादेन को मार गिराया था।
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